सर्दियों में बाल झड़ने से हैं परेशान तो इसे रोकने के लिए आयुर्वेद में हैं प्रभावी तरीके

नई दिल्ली, 15 नवंबर (आईएएनएस)। सर्दी का मौसम आते ही बालों में रूखेपन की शिकायत होने लगती है। बाल जड़ से टूटकर झड़ने लगते हैं, डैंड्रफ की समस्या बढ़ जाती है और चमक गायब होने लगती है। ऐसे में आयुर्वेद के कुछ देसी उपायों से बालों की सही देखभाल की जा सकती है।

सर्दियों के मौसम में शरीर में वात दोष बढ़ जाता है, लेकिन इस बात का भी ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि सर्दियों में पाचन शक्ति तेज हो जाती है और भारी से भारी खाना पच जाता है। ऐसे समय में अगर बालों को पोषण देने वाला आहार लिया जाए तो बालों की मजबूती को वापस पाया जा सकता है। इसलिए शीत ऋतु में बालों को मजबूत बनाने के लिए पहले आंतरिक पोषण पर फोकस करना चाहिए। बालों का स्वास्थ्य केवल बाहरी देखभाल पर निर्भर नहीं करता है, बल्कि आंतरिक मजबूती देना भी जरूरी है।

आयुर्वेद कहता है कि केश, अस्थि धातु का उपधातु हैं, मतलब बालों पर उत्पाद लगाकर सिर्फ अस्थायी रूप से बालों में चमक लाई जा सकती है, लेकिन अस्थि, रक्त और रसधातु (पोषण देने वाला उत्तक) के संतुलन से बाल अंदर से मजबूत होते हैं। सुबह एक चम्मच देसी घी को गुनगुने पानी के साथ लेना चाहिए। ये शरीर में वात दोष को कम करता है और बालों के रुखेपन को कम करता है।

नाश्ते में और शाम के समय खाली पेट तिल और अलसी का सेवन करें। ये अस्थि को मजबूत बनाने का काम करते हैं।

रात के समय दूध और दो खजूर का सेवन करें। ये बालों की जड़ों को पोषण देने का काम करेंगे। आंवला या त्रिफला का चूर्ण भी लिया जा सकता है। आंवला बालों और त्वचा दोनों के लिए लाभकारी होता है। अगर जूस बनाना संभव न हो तो आंवला के चूर्ण या त्रिफला के चूर्ण का इस्तेमाल कर सकते हैं।

बालों को बाहरी पोषण के लिए नारियल का तेल, जटामांसी का तेल, भृंगराज का तेल या अपने पसंदीदा तेल को हल्का गुनगुना करें और उससे बालों की मालिश करें। ऐसा करने से सिर का रक्त संचार बढ़ता है, जो तनाव तो कम करता ही है। साथ ही बंद पड़े फॉलिकल्स को भी खोलने का काम करता है। तेल लगाने के 1 घंटे बाद बालों को हल्के हाथों से शैम्पू से धो लें। रात के समय नाक में दो-दो बूंद तिल का तेल या घी डालें। ये विधि सीधे बालों को पोषण पहुंचाती है।

--आईएएनएस

पीएस/वीसी

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