जैसलमेर, 17 जून (आईएएनएस) । 10वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से पहले भारत-पाकिस्तान बॉर्डर से एक प्रेरणादायक तस्वीर सामने आई है। राजस्थान की तपती रेत पर तैनात रहने वाले बीएसएफ जवानों ने कठिन हालात के बीच योग और प्राणायाम को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया है। मंगलवार को जैसलमेर में बॉर्डर के नजदीक बीएसएफ जवानों ने योग साधना शुरू की और अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से पहले एक खास संदेश दिया।
बीएसएफ जवान मानसिक शांति और शारीरिक स्फूर्ति के लिए नियमित योगाभ्यास कर रहे हैं। ये सैनिक रोजाना ड्यूटी से पहले प्राणायाम और योग करते हैं। जवानों का मानना है कि योग सिर्फ आसनों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने की एक कला है।
जवानों ने देशवासियों को भी संदेश दिया है कि हर भारतीय योग अपनाए। उनका कहना है, "योग सिर्फ शरीर नहीं, बल्कि मन और आत्मा को जोड़ने का माध्यम है। योग विषम हालात में भी शांत चित्त रहने की शक्ति देता है।"
21 जून को पूरा विश्व योग दिवस मनाएगा। इस साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का थीम "एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग" रखा गया है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम को 'योग संगम 2025' नाम दिया गया है, जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि बनने जा रहा है।
आयोजन के लिए देशभर में 50 हजार से अधिक संगठन रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं, जो सामूहिक भागीदारी का एक नया कीर्तिमान है। योग संगम 2025 के आयोजन में राजस्थान सबसे आगे रहा है, जहां 11 हजार से अधिक संगठनों ने रजिस्ट्रेशन कराया। तेलंगाना में 7000 से अधिक और मध्य प्रदेश में लगभग 5000 संगठनों ने अपनी सहभागिता दर्ज की।
21 जून को राष्ट्रीय कार्यक्रम आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में आयोजित होगा, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 लाख से अधिक प्रतिभागियों के साथ योग करेंगे। केंद्रीय आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव के मुताबिक, पूरे देश में एक लाख से अधिक जगहों पर 'योग संगम' सत्र आयोजित किए जाएंगे। यह आयोजन अब तक के सबसे बड़े और एक साथ किए गए योग कार्यक्रमों में से एक होगा।
--आईएएनएस
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