सिर्फ खाने का स्वाद नहीं, त्वचा की चमक को भी बढ़ाता है जायफल, जानें अनगिनत फायदे

नई दिल्ली, 11 नवंबर (आईएएनएस)। आयुर्वेद में भारतीय रसोई में मौजूद मसालों को औषधि बताया है। घर की रसोई में मौजूद मसाले संक्रमण और कई बीमारियों को दूर करने में सहायक होते हैं।

ऐसा ही एक खुशबूदार और स्वाद में तीखा मसाला होता है जायफल। जायफल पेट से लेकर त्वचा रोगों से निजात पाने में सहायक है, लेकिन इसका इस्तेमाल कब और कैसे करना है, ये बहुत मायने रखता है।

आयुर्वेद में जायफल को आयुर्वेदिक रत्न की उपाधि दी गई है। इसे शरीर, मन और आत्मा तीनों के लिए अमृत माना गया है। इसकी तासीर गर्म होती है और ये वात शामक औषधि होती है, तो शरीर में वात और कफ दोषों को संतुलित करने में मदद करती है। जायफल में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो शरीर में किसी तरह की भी सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, इसमें मौजूद न्यूरो सुरक्षात्मक गुण मस्तिष्क को संतुलित करने और तनाव को कम करने में मददगार हैं। जायफल में पाचन तंत्र को मजबूत करने वाले गुण भी होते हैं और साथ ही ये शरीर में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करने में सहायक है।

जायफल का इस्तेमाल कई रोजमर्रा की परेशानियों से निजात पाने में किया जा सकता है। जैसे अगर नींद आने में परेशानी होती है तो जायफल का चूर्ण रात को दूध के साथ मिलाकर लेने से राहत मिलेगी। जायफल मस्तिष्क को शांत करने में मदद करता है, जिससे नींद अच्छी आती है। जायफल स्किन से जुड़ी समस्याओं में भी राहत देता है।

चेहरे पर निकलने वाले मुंहासे और काले धब्बों से छुटकारा पाने के लिए कच्चे दूध के साथ थोड़े से जायफल को घिस लें। इसके पेस्ट को प्रभावित जगह पर ही लगाएं और 10 मिनट बाद धो लें। धोने के बाद चेहरे पर एलोवेरा लगाएं, इससे जलन कम होगी। दांतों की समस्या में भी जायफल आराम देता है।

दांतों में दर्द और मसूड़ों में सूजन होने की स्थिति में जायफल के तेल में रूई को भिगो लीजिए और जहां दर्द है, वहां पर लगाना चाहिए। जायफल में दर्द को कम करने की क्षमता होती है और ये सूजन को भी कम करने में मदद करता है।

सर्दी-जुकाम और बलगम होने पर भी जायफल का इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में इसके चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर लेना चाहिए या दूध में मिलाकर भी ले सकते हैं। यह तरीका बच्चों और बड़ों के लिए कारगर है।

--आईएएनएस

पीएस/एएस

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