नई दिल्ली, 28 मई (आईएएनएस)। अगर आपको सोडा, एनर्जी ड्रिंक, स्पोर्ट्स ड्रिंक या फलों का जूस पीना पसंद है, तो सावधान हो जाइए। एक अध्ययन के मुताबिक, ऐसे मीठे पेय पदार्थ पीने से टाइप 2 डायबिटीज (मधुमेह) का खतरा बढ़ सकता है।
लेकिन अगर चीनी ऐसे खाने में हो जो पौष्टिक हो जैसे साबुत फल, दूध या साबुत अनाज तो उससे शरीर पर बुरा असर नहीं पड़ता। वैज्ञानिकों के अनुसार, ऐसे खाने में फाइबर, प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व भी होते हैं जो शरीर में चीनी को धीरे-धीरे पचने में मदद करते हैं। इससे शुगर का असर धीरे होता है और शरीर पर भार नहीं पड़ता।
यह अध्ययन अमेरिका की ब्रिघम यंग यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने किया और इसे “एडवांसेज इन न्यूट्रीशन” नामक जर्नल में छापा गया। इसमें आधे मिलियन (पांच लाख से ज़्यादा) लोगों के डेटा का विश्लेषण किया गया।
नतीजों में पाया गया कि अगर कोई व्यक्ति हर दिन 350 मिलीलीटर मीठे पेय (जैसे सॉफ्ट ड्रिंक, एनर्जी ड्रिंक या स्पोर्ट्स ड्रिंक) पीता है, तो उसे डायबिटीज का खतरा 25 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। और अगर कोई रोज़ 250 मिलीलीटर फल का रस (100% जूस, नेक्टर या जूस ड्रिंक) पीता है, तो उसका जोखिम 5 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।
अध्ययन की प्रमुख वैज्ञानिक कैरन डेला कोर्टे ने कहा कि यह पहली बार है जब किसी अध्ययन में यह साफ बताया गया है कि अलग-अलग स्रोतों से ली गई शुगर टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को किस तरह बढ़ाती है। यह इस बात पर प्रकाश डालता है कि आपकी चीनी - चाहे सोडा से हो या जूस से - इसे खाने की तुलना में पीना स्वास्थ्य के लिए अधिक समस्याग्रस्त है।
शोधकर्ताओं ने बताया कि मीठे पेयों और जूस में मौजूद चीनी शरीर में सीधे असर डालती है, जिससे लिवर पर दबाव पड़ता है, वसा बढ़ती है और इंसुलिन ठीक से काम नहीं करता।
इसलिए विशेषज्ञों का मानना है कि मीठे पेयों और जूस से बचना चाहिए और इनके लिए और भी सख्त सलाह दी जानी चाहिए, क्योंकि ये हमारे मेटाबॉलिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
--आईएएनएस
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