रोजाना एक संतरा खाने से मुंह, गले और पेट के कैंसर की आशंका होती है कम: शोध

नई दिल्ली, 15 नवंबर (आईएएनएस)। सर्दियों का मौसम आ चुका है और फलों की दुकानें संतरे से सजने लगी हैं। इस मौसम में खाया गया खट्टा-मीठा फल सेहत के लिए नेमत साबित हो सकता है। एक नई स्टडी में पाया गया है कि रोजाना एक संतरा खाने से मुंह, गले और पेट के कैंसर का खतरा काफी कम हो सकता है।

ऑस्ट्रेलिया में किए गए इस अध्ययन में खट्टे फलों में मौजूद शक्तिशाली पोषक तत्वों पर प्रकाश डाला गया है। कॉमनवेल्थ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन द्वारा की गई है। ये 48 वैश्विक रिसर्च पेपर्स की समीक्षा पर आधारित है।

विशेषज्ञों का कहना है कि ये निष्कर्ष दैनिक आहार में फलों और सब्जियों को शामिल करने के लंबे समय से ज्ञात लाभों को और पुख्ता करते हैं।

ऑस्ट्रेलियाई अध्ययन के अनुसार, रोजाना एक संतरा खाने से मुंह, गले और पेट के कैंसर का खतरा कम हो सकता है।

जिसमें यह भी पता चला कि खट्टे फल धमनी रोग, मोटापा और मधुमेह के प्रबंधन में सहायक हो सकते हैं।

समीक्षा में यह भी कहा गया है कि रोजाना पांच बार सब्जियों और फलों के साथ खट्टे फलों का सेवन करने से दिल का दौरा पड़ने का खतरा 19 फीसदी तक कम हो सकता है।

स्टडी के अनुसार संतरे में अन्य सभी खट्टे फलों की तुलना में सबसे अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट बीमारियों से बचाने में महत्वपूर्ण हैं।

संतरे में विटामिन सी, बी, ए और ई के साथ-साथ कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, फॉस्फोरस और प्राकृतिक शर्करा भी होती है।

विशेष रूप से, विटामिन सी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और चूंकि मानव शरीर इसे उत्पन्न नहीं कर सकता, इसलिए भोजन के माध्यम से इसका नियमित सेवन आवश्यक है।

संतरे में मौजूद फाइबर पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है और कब्जियत भी दूर करता है। शोध यह भी दर्शाते हैं कि संतरे का रस कोलेस्ट्रॉल को तोड़कर और उसे पित्त अम्लों में परिवर्तित करके पित्त पथरी के जोखिम को कम कर सकता है।

संतरे के रस में लगभग 85 फीसदी पानी होता है, जो शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है।

स्टडी के अलावा, वर्ल्ड कैंसर रिसर्च फंड की रिपोर्ट्स भी साइट्रस फ्रूट्स को इन कैंसर से बचाव के लिए फायदेमंद बताती हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि यह लाभ तभी मिलेगा जब संतरा पूरे रूप में खाया जाए, न कि जूस के रूप में, क्योंकि फाइबर का महत्व भी है।

विशेषज्ञों का मानना ​​है कि यह अप्रत्यक्ष रूप से पाचन संबंधी समस्याओं और तनाव से संबंधित असुविधा को रोक सकता है।

--आईएएनएस

केआर/

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