नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। हमारा शरीर एक मशीन की तरह काम करता है। इस मशीन का सबसे अहम हिस्सा रक्त है, जो पूरे शरीर में ऑक्सीजन और जरूरी पोषक तत्व पहुंचाता है, जिससे हमारे अंग ठीक से काम करते हैं। अगर खून का बहाव यानी ब्लड सर्कुलेशन धीमा हो जाए या फिर रुक-सा जाए, तो इसका असर शरीर के कई हिस्सों पर नजर आता है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि इसकी शुरुआत अक्सर पैरों से होती है।
शरीर के बाकी हिस्सों की तुलना में पैर सबसे दूर होते हैं, और वहीं सबसे पहले खराब ब्लड सर्कुलेशन के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। कई बार लोग इन संकेतों को मामूली थकान या कमजोरी समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यही लापरवाही आगे चलकर बड़ी परेशानी बन सकती है। डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, नर्व डैमेज, या फिर आर्टरी ब्लॉकेज जैसी गंभीर समस्याएं भी इसकी वजह हो सकती हैं। अगर समय रहते ध्यान दिया जाए, तो न सिर्फ इन बीमारियों को रोका जा सकता है बल्कि शरीर को फिर से ऊर्जा से भरपूर बनाया जा सकता है।
जब ब्लड सर्कुलेशन ठीक से नहीं होता, तो पैरों और टखनों में सूजन आने लगती है। इस सूजन में दबाने पर स्किन में गड्ढा-सा बन जाता है जो कुछ सेकंड्स तक रहता है। इसे मेडिकल भाषा में एडीमा कहा जाता है। सूजन लंबे समय तक खड़े रहने या बैठे रहने से और भी बढ़ जाती है। इसका सीधा मतलब होता है कि शरीर में फ्लूइड इकट्ठा हो रहा है, जो दिल, किडनी या नसों के कमजोर होने की तरफ इशारा कर सकता है।
वहीं अगर आपके पैर हमेशा दूसरों के छूने पर बर्फ जैसे ठंडे लगते हैं, तो यह सामान्य बात नहीं है। इसका मतलब है कि वहां ताजा खून नहीं पहुंच पा रहा। यह सिर्फ सर्दी की वजह से नहीं होता, बल्कि पेरिफेरल आर्टरी डिजीज या थायरॉइड की समस्या भी इसके पीछे हो सकती है। ठंडे पैर खराब ब्लड सर्कुलेशन का एक साफ संकेत होते हैं, जिसे नजरअंदाज करना खतरनाक साबित हो सकता है।
अक्सर लोगों को सोते समय या थोड़ी एक्सरसाइज करने पर पैरों में अचानक से उठने वाली ऐंठन महसूस होती है। यह ऐंठन तेज दर्द के साथ आती है और मांसपेशियों को जैसे जकड़ लेती है। यह इसलिए होता है क्योंकि मांसपेशियों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाता और वे सिकुड़ने लगती हैं। खासकर पिंडलियों, जांघों या तलवों में यह ऐंठन ज्यादा होती है। इसे हल्के में लेना ठीक नहीं है, क्योंकि यह संकेत देता है कि खून का बहाव सही नहीं है।
इस समस्या से बचने के लिए सबसे पहला उपाय है नियमित व्यायाम। रोजाना सिर्फ 30 मिनट तेज चलना या हल्की दौड़ भी आपके दिल की सेहत को बेहतर बना सकती है। यह ना सिर्फ ब्लड सर्कुलेशन तेज करता है, बल्कि नसों को भी मजबूत करता है।
पिंडलियों की मांसपेशियों को 'दूसरा दिल' कहा जाता है, क्योंकि यही खून को पैरों से दिल तक वापस भेजने का काम करती हैं। इन्हें मजबूत बनाने के लिए खास एक्सरसाइज करना जरूरी है, जैसे 'टो राइज' यानी पंजों पर उठना।
साथ ही, डाइट का भी इसमें बड़ा रोल है। खाने में नमक की मात्रा कम करें, क्योंकि इससे सूजन बढ़ सकती है। ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और बेरीज जैसे एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फूड ब्लड फ्लो को बेहतर बनाते हैं। प्रोसेस्ड और तला-भुना खाना आपकी नसों पर दबाव डाल सकता है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन और खराब हो सकता है।
--आईएएनएस
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