मध्य प्रदेश: 2047 तक सिकल सेल एनीमिया मुक्त भारत का लक्ष्य, गांव-गांव चल रहा जागरूकता अभियान

बुरहानपुर, 6 अगस्त (आईएएनएस)। भारत सरकार ने वर्ष 2047 तक देश को सिकल सेल एनीमिया जैसी गंभीर और आनुवांशिक बीमारी से पूरी तरह मुक्त करने का संकल्प लिया है। इस लक्ष्य को पूरा करने की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग को दी गई है, जो जिले में जमीनी स्तर पर सक्रिय रूप से काम कर रहा है। मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में स्वास्थ्य विभाग की टीमें गांव-गांव, स्कूलों और छात्रावासों में जाकर महिलाओं, युवाओं, बच्चों और पुरुषों को इस बीमारी के प्रति जागरूक कर रही हैं।

उन्हें बताया जा रहा है कि सिकल सेल एनीमिया एक आनुवांशिक बीमारी है, जो समय पर जांच और सही परामर्श से नियंत्रित की जा सकती है। स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर लोगों को प्रेरित कर रहे हैं कि वे समय रहते अपनी जांच कराएं, ताकि बीमारी की पहचान शुरुआती स्तर पर हो सके, क्योंकि अगर यह बीमारी एक बार सामने आ जाए, तो यह जीवनभर साथ रहती है, इसलिए इसकी समय पर पहचान बेहद जरूरी है।

फील्ड ऑफिसर सीमा डेविड ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "हमने सभी को बताया कि सिकल सेल एनीमिया कैसे फैलता है और इसे कैसे रोका जा सकता है। अगर समाज स्वस्थ रहेगा तो भविष्य भी सुरक्षित रहेगा। खास तौर पर महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान सतर्क रहना चाहिए और जांच जरूर करानी चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ी को इस बीमारी से बचाया जा सके।"

जिला प्रभारी डॉ. भूपेंद्र गौर ने कहा, "सिकल सेल टेस्टिंग के लिए 40 वर्ष तक के लोगों की जांच के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही गर्भवती महिलाओं की जांच के लिए भी विशेष निर्देश जारी हुए हैं। बुरहानपुर जिला अस्पताल को कुल 86 हजार जांचों का लक्ष्य मिला है। जिला अस्पताल में सामान्य ओपीडी में रोजाना 50 जांचें की जा रही हैं।"

उन्होंने यह भी बताया कि सिकल सेल की जांच के लिए जिला अस्पताल में अलग से एक काउंटर तैयार किया गया है, जहां बच्चों, महिलाओं और 40 वर्ष तक के सभी व्यक्तियों की जांच की जा रही है।

सरकार का यह प्रयास ना सिर्फ लोगों को जागरूक कर रहा है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को स्वस्थ और सुरक्षित भविष्य की ओर ले जा रहा है। यह अभियान देश को सिकल सेल एनीमिया से मुक्त करने की दिशा में बड़ा और अहम कदम है।

--आईएएनएस

वीकेयू/डीएससी

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