मेथी के छोटे से पत्तों में सेहत का खजाना, सर्दियों में खाने से मिलेंगे अनेक फायदे

नई दिल्ली, 19 नवंबर (आईएएनएस)। सर्दियों के मौसम में हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर असर पड़ता है। इस मौसम में अक्सर लोग सर्दी-जुकाम, पेट की समस्याओं और ब्लड शुगर के उतार-चढ़ाव जैसी परेशानियों से जूझते हैं। ऐसे में मेथी इन सभी परेशानियों का रामबाण उपाय है, जिसे अक्सर हम केवल रोटियों या पराठों में स्वाद बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करते हैं।

आयुर्वेद के अनुसार मेथी एक 'उष्ण' प्रकृति वाली जड़ी-बूटी है, जिसका सेवन वात और कफ दोष को संतुलित करने में मदद करता है। यह न केवल शरीर को गर्मी देता है, बल्कि पाचन शक्ति को भी मजबूत करता है। आधुनिक विज्ञान में मेथी को भी सेहत का वरदान माना गया है। इसके पत्तों में मौजूद फाइबर, प्रोटीन, विटामिन और अन्य तत्व शरीर को कई तरह से लाभ पहुंचाते हैं।

ब्लड शुगर :- सर्दियों में कई लोगों का शुगर अचानक बढ़ जाता है। मेथी के पत्तों में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो इंसुलिन की कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं और ब्लड में शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। आयुर्वेद में इसे सिद्ध उपाय माना गया है क्योंकि यह शरीर में स्थिरता लाने में मदद करता है। छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी के लिए यह सुरक्षित और प्राकृतिक तरीका है।

पाचन तंत्र :- ठंड के कारण कई बार पेट भारी या फूला हुआ महसूस होता है। मेथी के पत्तों में मौजूद पोषक तत्व आंतरिक मार्ग को साफ रखते हैं और अपच या एसिडिटी जैसी परेशानियों को कम करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, यह अम्लता और वात से जुड़ी परेशानियों को कम करने में मदद करता है, जबकि विज्ञान बताता है कि मेथी के पत्तों में सोल्याबल फाइबर और एंजाइम पाचन प्रक्रिया को सुचारु बनाते हैं।

सर्दी-जुकाम :- मेथी के पत्तों में प्राकृतिक एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार यह कफ और वात दोष को संतुलित करके शरीर को संक्रमण से लड़ने में सक्षम बनाता है। यही कारण है कि सर्दियों में मेथी का सूप या पराठा खाने से सर्दी और खांसी की संभावना कम हो जाती है।

वजन नियंत्रण :- मेथी के पत्ते फाइबर से भरपूर होते हैं, जो पेट को लंबे समय तक भरा रखने में मदद करते हैं। इससे भूख नियंत्रित रहती है और वजन बढ़ने की संभावना कम होती है। आयुर्वेद में इसे संतुलित आहार का हिस्सा माना जाता है, क्योंकि यह शरीर में ऊर्जा बनाए रखता है।

--आईएएनएस

पीके/एबीएम

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