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नई दिल्ली, 10 नवंबर (आईएएनएस)। ऑफिस में घंटों बैठना हो या अनियमित दिनचर्या परिणाम स्वरुप कमजोर मांसपेशियां और शरीर में दर्द आम सी बात बन चुकी हैं। ऐसे में चतुरंग दंडासन के अभ्यास से इन समस्याओं से निजात पाई जा सकती है।
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने चतुरंग दंडासन के अभ्यास से मिलने वाले लाभ, इसे करने की सही विधि के साथ किन-किन सावधानियों को रखना चाहिए, यह भी जानकारी दी।
मंत्रालय ने योग को स्वास्थ्य का आधार बताते हुए चतुरंग दंडासन को विशेष रूप से प्रभावशाली आसन माना है। यह आसन न सिर्फ शरीर में लचीलापन लाता है, बल्कि कंधे, पीठ, हाथ और पैरों की मांसपेशियों को मजबूत बनाकर दर्द से छुटकारा भी दिलाता है।
एक्सपर्ट चतुरंग दंडासन के करने की सही विधि बताते हैं। इसके लिए सबसे पहले प्लैंक पोजीशन में आएं। दोनों हाथ कंधों के नीचे रखें, पैर की उंगलियां जमीन पर टिकी हों। इसके बाद सांस छोड़ते हुए कोहनियों को मोड़ें और शरीर को सीधा रखते हुए नीचे लाएं। छाती और ठुड्डी जमीन के करीब रहें, लेकिन उसे टच न करें। कूल्हे न ऊपर उठें, न नीचे झुकें। इस पोजीशन में 10 से 20 सेकंड तक रुकें, फिर वापस आएं। शुरुआत में इसे 3 से 5 बार दोहराना चाहिए।
चतुरंग दंडासन के अभ्यास से एक नहीं कई लाभ मिलते हैं। इससे कंधे, बाहें और कलाइयों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। पीठ दर्द और कमर दर्द में राहत मिलती है। कोर मसल्स मजबूत होकर पोस्चर सुधरता है। पाचन तंत्र सक्रिय होता है और एकाग्रता बढ़ती है। इसके नियमित अभ्यास से शरीर में संतुलन और स्थिरता आती है।
चतुरंग दंडासन के अभ्यास से कई लाभ मिलते हैं और इसे रोजाना 5-10 मिनट करने से शरीर स्वस्थ और ऊर्जावान रहता है। हालांकि, इसके अभ्यास में कई सावधानियां बरतनी चाहिए। गर्भवती महिलाओं, कंधे या कमर में चोट वाले लोगों को इस आसन से परहेज करना चाहिए। शुरुआत में प्रशिक्षक की देखरेख में करें।
--आईएएनएस
एमटी/एएस