'मन की बात' में पीएम मोदी के आह्वान के बाद 10 हजार से अधिक संगठनों ने योग संगम के लिए कराया पंजीकरण : आयुष मंत्रालय

नई दिल्ली, 27 मई (आईएएनएस) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने हालिया 'मन की बात' कार्यक्रम में कॉरपोरेट जगत से इस अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित होने वाले 'योग संगम' कार्यक्रम में भाग लेने का आग्रह किया। इसके बाद देशभर में 10,000 से अधिक संगठनों ने 'योग संगम' के लिए पंजीकरण कराया है।

'योग संगम' एक राष्ट्रव्यापी पहल है, जो 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर भारत का अब तक का सबसे बड़ा स्वास्थ्य उत्सव बनने जा रहा है।

मन की बात के 122वें एपिसोड के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की कॉरपोरेट संस्कृति में योग के बढ़ते एकीकरण की सराहना की और इसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य के प्रति निजी क्षेत्र की प्रतिबद्धता का एक शक्तिशाली संकेतक बताया।

प्रधानमंत्री ने अपने 'मन की बात' संबोधन के दौरान कहा, "हमारे कॉरपोरेट भी इसमें पीछे नहीं हैं। कुछ संस्थानों ने अपने कार्यालयों में योग अभ्यास के लिए अलग से जगह बनाई है। कुछ स्टार्ट-अप ने 'ऑफिस योग घंटे' स्थापित किए हैं। यह इस बात का सकारात्मक संकेत है कि निजी क्षेत्र देश के स्वास्थ्य आंदोलन में किस तरह योगदान दे रहा है।"

आयुष मंत्रालय ने कहा, "पीएम मोदी के इस आह्वान के बाद 10,000 से अधिक संगठनों ने योग संगम के लिए पंजीकरण कराया है।"

योग संगम पूरे भारत में बर्फ से ढंके हिमालय के शिखरों से लेकर सूरज की रोशनी वाले तटीय मंदिरों तक एक लाख से अधिक स्थानों पर मनाया जाएगा। मंत्रालय ने कहा, इसमें भाग लेने वाले प्रतिभागी भारत के द्वारा विश्व को दिए गए इस शाश्वत उपहार योग के जरिए "एकता, स्वास्थ्य और आंतरिक शांति के लिए एक शक्ति के रूप में इसे सेलिब्रेट करेंगे।"

इस वर्ष संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2015 में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को आधिकारिक रूप से मान्यता दिए जाने के एक दशक पूरे हो रहे हैं।

जबकि भारत स्वास्थ्य के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व के एक दशक का जश्न मना रहा है। ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 के लिए थीम, “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग” पहले से कहीं अधिक गूंज रही है।

इसमें भाग लेने के लिए, आयुष मंत्रालय की वेबसाइट पर जा सकते हैं और एक समूह या संगठन के रूप में पंजीकरण करा सकते हैं।

ऐसे में 21 जून को योग संगम कार्यक्रम आयोजित करने के बाद, इसका विवरण अपलोड करके, प्रशंसा प्रमाणपत्र प्राप्त किया जा सकता है।

--आईएएनएस

जीकेटी/

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