मां बनने वाली हैं? तो जरूर करें ये योगासन, एक-दो नहीं, कई समस्याओं की है काट

नई दिल्ली, 15 अगस्त (आईएएनएस)। योगासन शरीर और मन को स्वस्थ रखने का सबसे सरल और प्रभावी तरीका है। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, भद्रासन एक ऐसा आसन है, जो विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं के लिए वरदान है। ‘भद्र’ यानी शुभ और ‘आसन’ यानी बैठने की मुद्रा से मिलकर बना यह आसन स्थिरता बढ़ाता है, मन को शांत करता है और गर्भावस्था व मासिक धर्म के दौरान होने वाली असुविधाओं को कम करता है।

आयुष मंत्रालय ने इसे घुटनों, कूल्हों और रीढ़ की हड्डी को मजबूत करने वाला बताया है, जो मासिक धर्म की ऐंठन, पाचन संबंधी समस्याओं और तनाव को दूर करने में कारगर है।

भद्रासन जांघों, कमर और घुटनों की मांसपेशियों को मजबूत करता है, जिससे शरीर में लचीलापन बढ़ता है और दर्द कम होता है। गर्भवती महिलाओं के लिए यह कूल्हों और जांघों को मजबूती देता है, जिससे प्रसव आसान हो सकता है। यह पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है, कब्ज और वात की समस्या को दूर करता है। इसके अलावा, यह एकाग्रता बढ़ाता है, सिरदर्द, कमर दर्द और अनिद्रा में राहत देता है। किडनी और प्रोस्टेट के स्वास्थ्य के लिए भी यह लाभकारी है।

आयुष मंत्रालय के अनुसार, भद्रासन बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं के लिए शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य का खजाना है। यह स्थिरता को बढ़ाता है, मन को शांत करता है, और गर्भावस्था और मासिक धर्म के दौरान होने वाली असुविधाओं को कम करने में कारगर है।"

आयुष मंत्रालय भद्रासन करने की सही विधि भी बताता है। इसके लिए जमीन पर पालथी मारकर बैठें। दोनों पैरों के तलवों को आपस में मिलाएं और हाथों से पैरों को पकड़ें। कोहनियों से घुटनों पर हल्का दबाव डालें, ताकि वे जमीन की ओर जाएं। रीढ़ को सीधा रखें, कंधों को ढीला छोड़ें और सामने देखें। इसके बाद गहरी सांस लें और 2-5 मिनट तक इस मुद्रा में रहें।

भद्रासन न केवल गर्भवती महिलाओं के लिए, बल्कि सभी के लिए फायदेमंद है। इसके नियमित अभ्यास से कई समस्याओं का समाधान हो सकता है। हालांकि, एक्सपर्ट कुछ सावधानियां बरतने की भी सलाह देते हैं। भद्रासन खाली पेट करें। घुटनों या कूल्हों में गंभीर दर्द होने पर डॉक्टर की सलाह लें। शुरुआत में ज्यादा जोर न दें और अभ्यास का समय धीरे-धीरे बढ़ाएं। गर्भवती महिलाएं इसे योग विशेषज्ञ की देखरेख में करें।

--आईएएनएस

एमटी/केआर

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