केरल: मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने दी अनिश्चितकालीन हड़ताल की धमकी

तिरुवनंतपुरम 30 अक्टूबर (आईएएनएस)। केरल गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन (केजीएमसीटीए) ने राज्य सरकार पर मेडिकल कॉलेज डॉक्टरों की लंबित मांगों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है।

एसोसिएशन ने गुरुवार को कहा कि मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की लगातार अनदेखी "बहुत गलत" है और साथ ही चेतावनी दी कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर देंगे। हालांकि, कैबिनेट ने अपनी हालिया बैठक में कई कल्याणकारी उपायों की घोषणा की है।

केजीएमसीटीए ने कहा कि बार-बार आश्वासन देने के बावजूद उनकी कोई भी मुख्य मांग पूरी नहीं की गई है।

इनमें प्रवेश-स्तर वेतन संरचना में गड़बड़ियों को ठीक करना, 2016 के वेतन संशोधन (पे रिवीजन) से बकाया राशि का भुगतान करना, हाल ही में स्थापित कॉलेजों में नए शिक्षण और चिकित्सा पद सृजित करना, लंबित महंगाई भत्ते (डीए) का भुगतान करना और राज्य सरकार द्वारा पेमेंट पाने वाले फैकल्टी पर लगाई गई "अनुचित" पेंशन लिमिट को हटाना शामिल है।

एसोसिएशन ने बताया कि वेतन संबंधी गड़बड़ियों के चलते सरकारी महकमा सहायक प्रोफेसर्स को लुभा नहीं पा रहा है और युवा चिकित्सक निजी क्षेत्र का रुख कर रहे हैं।

हालांकि 2016 का पे रिवीजन (वेतन संशोधन) 2020 में देरी से लागू किया गया था, लेकिन बकाया अभी भी नहीं दिया गया है, जबकि दूसरे सरकारी कर्मचारियों को उनका पूरा बकाया मिल गया है।

बयान में कहा गया है, "यह बहुत दुख की बात है कि जिन डॉक्टरों ने कोविड काल में अपनी जान जोखिम में डाली और राज्य का नाम रोशन किया, उन्हें पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया है।"

केजीएमसीटीए ने कासरगोड और वायनाड के मेडिकल कॉलेजों में नए पोस्ट की मंजूरी न दिए जाने पर भी सरकार की आलोचना की।

इसमें कहा गया है, "पोस्ट बनाने से जुड़ी फाइलों को एक साल से ज्यादा हो गया है। बार-बार सरकारी वादों के बावजूद स्वास्थ्य और वित्त विभागों में ये फाइलें धूल खा रही हैं।"

एसोसिएशन ने आगे कहा कि राज्य पे स्केल के हिसाब से पेंशन लिमिट लगाना "गलत और मनोबल गिराने वाला" है। वो भी तब जब मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों को केंद्र सरकार के पे स्केल के मुताबिक वेतन मिलता है।

कड़े कदम उठाने की चेतावनी देते हुए, केजीएमसीटीए ने कहा कि अगर सरकार ने अनदेखी जारी रखी तो उसकी सेंट्रल एग्जीक्यूटिव कमेटी जल्द ही अनिश्चितकालीन हड़ताल पर फैसला करने के लिए मीटिंग करेगी।

--आईएएनएस

केआर/

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