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नई दिल्ली, 17 नवंबर (आईएएनएस)। सर्दियों का मौसम शुरू होते ही बाजारों में हरे-हरे ताजे आंवले की बहार छा जाती है। आयुर्वेद में 'रसों का राजा' या 'रसराज' के नाम से पहचाने जाने वाले आंवले को कई शारीरिक समस्याओं का शत्रु और मानव का खास मित्र माना जाता है।
मध्य प्रदेश का आयुष विभाग इसे सुपरफूड बताता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने से लेकर त्वचा-बालों तक के लिए रामबाण है। आंवला में भरपूर मात्रा में विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट और पॉलीफेनॉल होते हैं जो शरीर की इम्यूनिटी को कई गुना बढ़ा देते हैं। सर्दी-खांसी, वायरल बुखार और मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए यह सबसे आसान और सस्ता उपाय है।
रोजाना एक आंवला खाने या इसका जूस पीने से रोगों से लड़ने की ताकत अपने आप बढ़ जाती है। इसके साथ ही पाचन तंत्र के लिए भी आंवला वरदान है। अपच, गैस, कब्ज और एसिडिटी की पुरानी समस्या इससे दूर हो जाती है। यह आंतों को साफ रखता है और भोजन को अच्छी तरह पचाने में मदद करता है। साथ ही लिवर को डिटॉक्स करके शरीर से सभी विषैले तत्व बाहर निकाल देता है।
त्वचा और बालों की सेहत के लिए भी आंवला बेमिसाल है। इसके एंटी-एजिंग गुण झुर्रियां कम करते हैं और चेहरे पर निखार लाते हैं। बालों का झड़ना, सफेद होना और रूसी की समस्या भी जड़ से खत्म हो जाती है। आंवला का तेल या चूर्ण लगाने से बाल घने, काले और चमकदार बनते हैं। आंखों की रोशनी बढ़ाने में भी आंवला कारगर है। इसमें मौजूद विटामिन ए और कैरोटिनॉइड आंखों को स्वस्थ रखते हैं।
रसों का राजा डायबिटीज के मरीजों के लिए भी खास मायने रखता है क्योंकि यह ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखता है।
बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हर उम्र के लिए आंवला प्रकृति का दिया हुआ एक अनमोल तोहफा है। आंवले का सेवन कच्चा, मुरब्बे, चूर्ण और जूस के रूप में किया जा सकता है।
--आईएएनएस
एमटी/एएस