ई-सुश्रुत क्लिनिक डॉक्टरों को और अधिक सक्षम बनाएगी: केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव

नई दिल्ली, 15 अगस्त (आईएएनएस)। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि नया ई-सुश्रुत क्लिनिक डॉक्टरों को और अधिक सक्षम बनाएगा तथा देश में एक ऐसा डिजिटल स्वास्थ्य नेटवर्क बनाने में मदद करेगा, जिसमें सभी प्रणालियां आपस में जुड़ी और सामंजस्यपूर्ण हों।

इसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) और उन्नत कंप्यूटिंग विकास केंद्र (सी-डैक) के बीच समझौता हुआ है। ई-सुश्रुत क्लिनिक एक हल्का, क्लाउड-आधारित हॉस्पिटल मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम (एचएमआईएस) है, जो खासतौर पर बाह्य रोगी सेवाओं और छोटे व मध्यम स्वास्थ्य केंद्रों के लिए तैयार किया गया है। यह आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के तहत डिजिटल स्वास्थ्य ढांचे के विस्तार की दिशा में एक बड़ा कदम है।

श्रीवास्तव ने कहा, "एक किफायती सरकारी समर्थित स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआईएस) की मांग लंबे समय से बनी हुई थी। सी-डैक के सहयोग से, हमें उम्मीद है कि ई-सुश्रुत क्लिनिक देश भर के हजारों डॉक्टरों और सुविधा प्रबंधकों को सशक्त बनाएगा और उनकी जरूरतों को पूरा करेगा, जिससे दक्षता, डेटा सुरक्षा और मरीजों की संतुष्टि में सुधार होगा।"

चूंकि यह सिस्टम एबीडीएम सक्षम है, इसलिए यह आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन को तेजी से अपनाने और एक व्यापक डिजिटल स्वास्थ्य नेटवर्क बनाने में सहायक होगा।

सी-डैक के कार्यकारी निदेशक विवेक खनेजा ने कहा कि यह साझेदारी पूरे देश में डिजिटल हेल्थ सेवाओं के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इससे स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल रूप में अपनाना आसान होगा, जिससे मरीजों को तेज और भरोसेमंद इलाज मिलेगा।

यह सॉफ्टवेयर सीडीएसी के प्रमुख ई-सुश्रुत एचएमआईएस का हल्का संस्करण है, जो पहले से ही 17 एम्स और 4,000 से अधिक स्वास्थ्य केंद्रों में सफलतापूर्वक चल रहा है। किसी भी स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के लिए इसे लैपटॉप या मोबाइल के जरिए हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्री (एचएफआर) और हेल्थ प्रोफेशनल रजिस्ट्री (एचपीआर) के माध्यम से आसानी से जोड़ा जा सकता है। अगर उनका रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है, तो सीधे ई-सुश्रुत क्लिनिक पर रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है।

इससे सरकारी और निजी दोनों तरह के क्लीनिकों में डॉक्टर मरीजों का स्वास्थ्य रिकॉर्ड देख और अपडेट कर सकेंगे, टेलीमेडिसिन सेवाएं प्रदान कर सकेंगे और डिजिटल रूप में नुस्खे व जांच रिपोर्ट जारी कर सकेंगे। इसमें बाह्य रोगी प्रबंधन, फार्मेसी और नर्सिंग मॉड्यूल शामिल हैं और यह कम लागत पर सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराता है।

यह प्लेटफॉर्म छोटे क्लीनिक, उपकेंद्र और मध्यम अस्पतालों को कम तकनीकी खर्च में मरीजों के रिकॉर्ड, प्रिस्क्रिप्शन और बिलिंग को पूरी तरह डिजिटल बनाने की सुविधा देता है।

–आईएएनएस

जेपी/केआर

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