गर्मियों में बेहद असरदार 'शीतली प्राणायाम', रखता है तन-मन दोनों को शीतल

नई दिल्ली, 9 जून (आईएएनएस)। चिलचिलाती धूप, उमस और तपन के साथ देश के कई हिस्सों में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है। हालांकि, अन्य समस्याओं की तरह तन और मन को शीतल रखने का भी रास्ता प्राणायाम के पास है। जी हां! ऐसे ही एक प्राणायाम का नाम है शीतली प्राणायाम, जो गर्मियों में बेहद असरदार है। इसे गर्मी के दिनों में करने से एक-दो नहीं कई लाभ मिलते हैं।

जैसा कि शीतली प्राणायाम के नाम से स्पष्ट है कि यह शीतल रखता है। यह जितना कारगर है, उतना ही सरल भी है। यह प्राणायाम एक योगिक श्वास तकनीक है, जिसमें जीभ को गोल आकार देकर या जीभ को नलिका की तरह मोड़कर हवा अंदर खींची जाती है। यह हवा शरीर में ठंडक पहुंचाती है और सांस को नियंत्रित करती है। हेल्थ एक्सपर्ट इसे रोजाना 5-10 मिनट करने की सलाह देते हैं, जिससे कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं।

शीतली प्राणायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल कर कई लाभ उठाए जा सकते हैं। यह शरीर को ठंडक प्रदान करता है और लू से बचाव करता है। यह तनाव और चिंता को कम करता है, जिससे दिमाग शांत होता है। यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी है।

यह प्राणायाम पेट की गर्मी को भी शांत करता है, जिससे पाचन संबंधी समस्याएं जैसे कब्ज, वात, कच्ची डकार और एसिडिटी में राहत मिलती है। जिन लोगों को उच्च रक्तचाप की समस्या है, उनके लिए भी यह बेहद कारगर है। यह हृदय को भी स्वस्थ रखता है।

भारत सरकार का आयुष मंत्रालय शीतली प्राणायाम को दिनचर्या में शामिल करने की सलाह देता है। रात को सोने से पहले इसे करने से बेहतर नींद भी आती है। यह त्वचा को भी चमकदार बनाता है और गर्मी के कारण होने वाली त्वचा की समस्याओं को कम करता है।

हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि शीतली प्राणायाम करना बेहद सरल है। इसके अभ्यास के लिए सुबह खाली पेट शांत जगह पर बैठ जाएं। जीभ को मोड़कर हवा अंदर लें, सांस को कुछ सेकंड रोके और नाक से धीरे-धीरे छोड़ें। इसे 5-10 बार दोहराना चाहिए।

शीतली प्राणायाम गर्मियों में तन और मन को शीतल रखने का प्राकृतिक और आसान तरीका है। हालांकि, इसे करने से पहले कुछ सावधानियां भी रखनी चाहिए। गर्मियों में यह प्राणायाम ठीक है, लेकिन सर्दियों में इसे कम करना चाहिए। इसके अलावा, सर्दी-जुकाम या दमा के रोगियों को इसे करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए।

--आईएएनएस

एमटी/केआर

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