-बुखार की दवा पैरासिटामोल भी हुई सस्ती
नई दिल्ली: कैंसर डायबिटीज बुखार और हेपेटाइटिस जैसी कई गंभीर बीमारियों की दवाओं के दाम घट गए हैं। इन बीमारियों की दवाओं के रेट देश में 40 फीसदी तक कम कर दिए हैं। बुखार में काम आने वाली दवा पैरासिटामोल के दाम अब 12 फीसदी कम हो गए हैं। ऐसा सरकार की आवश्यक दवाओं की सूची में शामिल 119 दवाओं की अधिकतम कीमत तय करने के कारण हुआ है।
सरकार का इरादा आने वाले समय में एनएलईएम में शामिल कुछ और दवाओं की अधिकतम कीमतें तय करने का है। नेशनल फार्मास्युटिकल्स प्राइसिंग अथॉरिटी की बैठक में इस सूची में शामिल 119 तरह के फार्मूलेशन वाली दवाओं की अधिकतम कीमत प्रति टेबलेट-कैप्सूल तय की गई है। जिन मुख्य दवाओं की कीमतों में कमी गई है उनमें बुखार की दवा पैरासिटामोल मलेरिया के इलाज में काम आने वाली दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन भी शामिल हैं। टेमोज़ोलोमीड एक कैंसररोधी दवा है। इसका उपयोग कीमोथेरेपी में किया जाता है। एलोप्यूरिनॉल का प्रयोग खून में यूरिक एसिड को कम करने के लिए किया जाता है। कैंसर दवाइयों के कारण खून में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ सकता है। इसे रोकने के लिए एलोप्यूरिनॉल दी जाती है। सोफोसबुविर का प्रयोग हैपेटाइटिस सी के इलाज के लिए किया जाता है। सिरोसिस और लीवर कैंसर के इलाज में भी यह काम आती है। लट्रोज़ोल टैबलेट मेनोपॉज के बाद की महिलाओं में स्तन कैंसर के इलाज लिए दी जाती है।
फ्लुकोनाज़ोल एंटी फंगल दवा है। हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन मलेरिया की दवा है।कई कैंसररोधी दवाएं एंटीबॉयोटिक्स वैक्सीन सिगरेट की लत छुड़ाने वाली निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी समेत कई जरूरी दवाओं को इस लिस्ट में जोड़ा गया है। संक्रमण रोकने में काम आने वाली 18 दवाएं भी इस सूची में सितंबर में शामिल की गईं।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय जरूरी दवाओं की राष्ट्रीय सूची जारी करता है। इस साल सितंबर में यह सूची जारी की गई थी। इस सूची में 27 श्रेणियों में 384 दवाओं को शामिल किया गया है। सूची में 34 नई दवाएं जोड़ी गई तो 26 दवाओं को हटाया भी गया था।