बालासन: तनाव कम करने और सुकून देने वाला आसान योग

नई दिल्ली, 1 जुलाई (आईएएनएस)। योग आज के व्यस्त जीवन में शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए वरदान साबित हो रहा है। ऐसे में बात तनाव या शारीरिक थकान से निजात की बात हो तो बालासन बेहद कारगर है। बालासन, जिसे 'चाइल्ड पोज' भी कहा जाता है, एक सरल योग आसन है। ये तनाव कम करने और शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाने में मदद करता है।

बालासन एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है 'बच्चे की मुद्रा'। एक्सपर्ट बताते हैं कि यह मुद्रा कैसे बनानी चाहिए। इस आसन में शरीर बच्चे की तरह आराम की अवस्था में होता है। इसे करने के लिए सबसे पहले जमीन पर घुटनों के बल बैठें। अपने नितंबों को एड़ियों पर टिकाएं और धीरे-धीरे शरीर को आगे की ओर झुकाएं। माथे को जमीन पर स्पर्श कराएं और दोनों हाथों को सामने की ओर फैलाएं या शरीर के साथ रखें। इस दौरान गहरी सांस लें और कुछ देर इस मुद्रा में रहें।

सांस लेते हुए 30 सेकंड से 1 मिनट तक इस मुद्रा में रहना चाहिए। इसके बाद धीरे-धीरे वापस सामान्य स्थिति में आना चाहिए।

भारत सरकार का आयुष मंत्रालय, बालासन के फायदों को गिनाता है, जिसके अनुसार, बालासन का नियमित अभ्यास दिमाग को शांत करता है। यह तंत्रिका तंत्र को आराम देता है और तनाव, चिंता के साथ थकान को भी कम करने में सहायक है। यही नहीं, बालासन पाचन तंत्र के लिए भी फायदेमंद है, जिससे अपच, वात और कब्ज जैसी समस्याओं में राहत मिलती है।

ऑफिस में काम करने वाले लोगों के लिए यह आसन बेहद फायदेमंद है। बालासन रीढ़ की हड्डी को खींचता है और पीठ दर्द में राहत देने के साथ ही लचीलापन भी देता है। इसके साथ ही यह कूल्हों, जांघों और घुटनों की मांसपेशियों को खींचता है, जिससे शरीर में लचीलापन बढ़ता है। इस आसन से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, जो शरीर में एनर्जी को बनाता है। इसका अभ्यास अनिद्रा की समस्या को कम करता है और गहरी नींद में मदद करता है।

हालांकि, गर्भवती महिलाओं और घुटने या पीठ की गंभीर समस्या वाले लोगों को बालासन करने से पहले एक्सपर्ट की सलाह लेनी चाहिए। इसे खाली पेट या भोजन के कुछ घंटों बाद करना फायदेमंद होता है।

--आईएएनएस

एमटी/केआर

Related posts

Loading...

More from author

Loading...