रायपुर, 21 जून (आईएएनएस)। 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ के बेमेतरा और रायपुर में योग के प्रति लोगों का उत्साह देखने को मिला। बेमेतरा के स्वामी विवेकानंद स्टेडियम में जिला स्तरीय कार्यक्रम और रायपुर की केंद्रीय जेल में विशेष योग शिविर का आयोजन किया गया।
दोनों आयोजनों में नेताओं, अधिकारियों, स्कूली बच्चों और कैदियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस वर्ष की थीम "एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग" के तहत योग के महत्व को रेखांकित किया गया।
बेमेतरा के स्वामी विवेकानंद स्टेडियम में आयोजित जिला स्तरीय योग कार्यक्रम का उद्घाटन छत्तीसगढ़ के खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया। उनके साथ बेमेतरा विधायक दीपेश साहू और साजा विधायक ईश्वर साहू विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे। सामूहिक योग सत्र में अधिकारियों, स्कूली बच्चों और नागरिकों ने हिस्सा लिया। पतंजलि योग समिति के बच्चों ने शानदार योग प्रदर्शन कर सभी का ध्यान आकर्षित किया।
खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'करो योग, रहो निरोग' के नारे को अपनाते हुए हम चाहते हैं कि हर गांव में योग शिविर लगे। योग से हर तरह की बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है। आज पूरी दुनिया मोदी जी के आह्वान पर योग कर रही है। मैं सभी प्रदेशवासियों को योग दिवस की शुभकामनाएं देता हूं।"
बेमेतरा विधायक दीपेश साहू ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में योग दिवस की पहल की, जिसे दुनिया ने अपनाया। आज भारत और विश्व में योग का आयोजन हो रहा है। स्वस्थ शरीर ही देश के विकास में योगदान दे सकता है।"
कलेक्टर रणबीर शर्मा ने बताया, "कार्यक्रम में मंत्री दयालदास बघेल, दोनों विधायक, ग्रामीण, अधिकारी और स्कूली बच्चे शामिल हुए। योग के बच्चों ने शानदार प्रदर्शन किया। इस बार की थीम 'एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग' के वैश्विक महत्व को दर्शाती है।"
इसके अलावा, रायपुर की केंद्रीय जेल में योग दिवस पर विशेष शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें करीब 500 बंदियों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। सुबह 7 से 8:15 बजे तक आयोजित योग सत्र में आर्ट ऑफ लिविंग के योग प्रशिक्षक परेश पटेल और उनकी टीम ने ताड़ासन, वृक्षासन, त्रिकोणासन, भुजंगासन, पवनमुक्तासन, अनुलोम-विलोम, कपालभाति और ध्यान का अभ्यास कराया।
जेल उप महानिरीक्षक एस.एस. तिग्गा और जेल अधीक्षक योगेश सिंह क्षत्री ने कार्यक्रम की शुरुआत शुभकामना संदेश के साथ की।
तिग्गा ने कहा, "योग भारत की प्राचीन धरोहर है, जो विश्व को स्वस्थ जीवन का मार्ग दिखाती है। हमारा प्रयास है कि बंदी शारीरिक और मानसिक रूप से सशक्त बनें, ताकि वे समाज में सम्मानजनक जीवन जी सकें।"
योगेश सिंह क्षत्री ने कहा, "योग से मानसिक तनाव, नकारात्मक विचार और अवसाद से मुक्ति मिलती है। यह कैदियों में आत्मविश्वास और सकारात्मकता जगाता है।"
योग प्रशिक्षकों ने आसनों के लाभ बताए और बंदियों को रोजाना योग करने की सलाह दी। कार्यक्रम के अंत में बंदियों ने नशा मुक्ति और समाज में सशक्त नागरिक बनने की शपथ ली।
--आईएएनएस
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