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नई दिल्ली, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। किडनी स्टोन या पथरी की समस्या आज के समय में आम हो गई है। यह हर उम्र के लोगों को परेशान कर रही है। हालांकि, आयुर्वेद के पास इस समस्या से निजात पाने का समाधान है।
पेट में असहनीय दर्द, पेशाब में जलन और कभी-कभी खून तक आना, ये लक्षण काफी तकलीफ भरे होते हैं। आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा दोनों ही कहते हैं कि 90 प्रतिशत मामलों में सही जीवनशैली और थोड़ी सावधानी से पथरी होने से रोकी जा सकती है और छोटी पथरी खुद-ब-खुद निकल भी जाती है।
आयुर्वेद में पथरी को 'अश्मरी' कहा जाता है। यह कफ के जमाव और पित्त की अधिकता से बनती है। जब शरीर में पानी कम होता है, पाचन कमजोर रहता है और गलत खान-पान चलता है, तब मिनरल्स आपस में चिपककर क्रिस्टल बना लेते हैं। यही क्रिस्टल धीरे-धीरे पथरी का रूप ले लेते हैं।
पथरी के सबसे बड़े कारणों में दिन में 1.5 लीटर से कम पानी पीना, ज्यादा नमक, चाय-कॉफी, कोल्ड ड्रिंक का सेवन करना, चॉकलेट, मूंगफली जैसी ऑक्सलेट वाली चीजें ज्यादा खाना, लंबे समय तक पेशाब रोकने के साथ ही तली-भुनी और फास्ट फूड का सेवन करना है।
आयुर्वेद, पथरी से बचने के लिए कुछ सामान्य लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करने की सलाह देता है। पीठ और कमर के साइड में दर्द, पेशाब में जलन या खून, बार-बार पेशाब लगना, जी मिचलाना और भूख न लगना। कई बार छोटी पथरी बिना लक्षण के भी बनती रहती है।
पथरी की समस्या से भयभीत नहीं होने, बल्कि बचाव की जरूरत है। इसके लिए आयुर्वेदाचार्य घरेलू उपाय को अपनाने की सलाह देते हैं। रोजाना कम से कम 2.5–3 लीटर साफ पानी पिएं। सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में आधा नींबू निचोड़कर पिएं, यह स्टोन बनने नहीं देता। दिन में 1–2 गिलास नारियल पानी लेना फायदेमंद होता है। खीरा, ककड़ी, तरबूज, मूंग दाल, हल्की खिचड़ी खाएं।
जीरा-धनिया-सौंफ का पानी उबालकर दिन में 2 बार पिएं। प्रतिदिन वॉक करें। तेज दर्द हो तो गर्म पानी की बोतल से कमर पर सेंक करें।
हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि अगर दर्द बिल्कुल सहन न हो, पेशाब बंद हो जाए, तेज बुखार आए या उल्टी न रुके तो बिना देर किए डॉक्टर के पास जाएं। साथ ही नमक का सेवन कम करें, पानी ज्यादा पिएं, पेशाब कभी न रोकें और तली-मसालेदार चीजों से दूरी बनाएं।
--आईएएनएस
एमटी/एबीएम