नई दिल्ली: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पार्टी हाईकमान सोनिया गांधी के बीच बिगड़ी बात इतनी जल्दी बनती नहीं दिख रही है। सीएम गहलोत दिल्ली जाने के लिए जयपुर में तैयार बैठे हैं, लेकिन खबर है कि सोनिया से मुलाकात का उन्हें समय नहीं दिया गया है। पहले खबर थी कि गहलोत दोपहर 2 बजे दिल्ली के लिए रवाना होने वाले हैं। फिर गहलोत के करीबी मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि मुख्यमंत्री शाम 5, साढ़े 5 बजे दिल्ली जाएंगे। सूत्रों का कहना है कि लेकिन अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से समय नहीं मिलने की वजह से प्रोग्राम रात 8 बजे तक टाल गया है।
गहलोत के दिल्ली जाने की खबरों से अटकलें लगाईं जा रही थीं कि पार्टी नेतृत्व के साथ उनकी बात बन गई है। लेकिन जिस तरह गहलोत का दिल्ली जाना टल रहा है उसका साफ संकेत है कि गतिरोध अभी बरकरार है। उधर, जयपुर में खाचरियावास ने मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद जो बातें कहीं उसके मुताबिक, गहलोत गुट अब भी अपनी बात पर अड़ा हुआ है और सचिन पायलट की ताजपोशी मंजूर नहीं है।
खाचरियावास ने कहा, मुख्यमंत्री दिल्ली जाएंगे। दिल्ली की यात्रा पहले से तय है। गहलोत जी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और राजस्थान के मुख्यमंत्री हैं। वह 5-साढ़े 5 बजे दिल्ली जाएंगे। वह 102 विधायकों की भावना संगठन और नेतृत्व को बताएंगे। वह 102 विधायकों के अभिभावक हैं। विधायकों ने गहलोत से कहा था कि हमारी भावना, हमारा सम्मान, हमारी आवाज उठाना आपका काम है।
खाचरियावास ने बताया कि गहलोत दिल्ली जा रहे हैं, लेकिन जब मुलाकात के समय के बारे में पूछा गया, तब उन्होंने भी अनभिज्ञता जाहिर की। गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के सवाल पर भी उन्होंने कहा कि इस पर उनकी सीएम से कोई बात नहीं हुई है।
खाचरियावस सहित गहलोत गुट के कई नेता लगातार इस बात को कह रहे हैं कि या तो राजस्थान में गहलोत को मुख्यमंत्री के पद पर बरकरार रखा जाए या फिर नए सीएम का चुनाव उन 102 विधायकों में से हो जो 2020 में सचिन पालयट की बगावत के समय सरकार के साथ डटे रहे। मंत्री शांति धारीवाल ने पायलट को गद्दार कहते हुए कहा कि उन्हें पुरस्कार देना राजस्थान के विधायक बर्दाश्त नहीं करने वाले हैं। बताया जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री रह चुके पायलट को गहलोत का उत्तराधिकारी बनाना चाहता है। लेकिन गहलोत खेमा इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं है।