शाहजहांपुर: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने एक कार्यक्रम में अपनी प्राचीन संस्कृति को पुनर्जीवित करने और सनातन धर्म के सिद्धांतों को फिर से स्थापित किए जाने जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा मूल संस्कृति के सनातन सिद्धांत शिक्षा के बगैर संभव नहीं हैं। इसलिए सभी को निरंतर ज्ञान की प्राप्ति के लिए प्रयास करते रहना चाहिए। शिक्षा और संस्कार ऐसे होने चाहिए जो रोजगारपरक हों और समाज मे समन्वय स्थापित कर सकें। शाहजहांपुर जिले के कलान कस्बे में एक स्कूल का उद्घाटन करने के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए खान ने कहा कि हम सभी को अपनी पुरानी संस्कृति को जिंदा करना चाहिए। पुरानी संस्कृति को जिंदा इसलिए नहीं करना है कि हमें पीछे की तरफ जाना है, बल्कि इसलिए कि हमें सनातन सिद्धांतों को वापस लाना है। उन्होंने कहा कि यह शिक्षा के बिना संभव नहीं है। राज्यपाल ने स्वामी विवेकानंद के कथन को उद्धृत करते हुए कहा कि मानव जीवन का उद्देश्य ज्ञान की प्राप्ति है और जिसके पास विनम्रता होती है, उसे कोई भी व्यक्ति नीचा नहीं दिखा सकता।
करीब पौन घंटे के अपने भाषण में राज्यपाल ने कहा कि भारत विभिन्न समुदायों का समूह है। यहां सभी धर्मों का सम्मान और भागीदारी है। हमारा देश सदैव से सत्य और अहिंसा का वाहक रहा है। यह बात सभी को याद रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जाति, धर्म और क्षेत्रवाद के नाम पर आपसी विद्वेष और एक-दूसरे को नीचा दिखाना हमारी विरासत नहीं रही है। गीता, उपनिषद और वेदों के उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि विद्वेष, घृणा और ईर्ष्या से आप जीतकर भी नहीं जीत पाते, जैसे कि महाभारत में जीत के बाद भी आंसू बहे थे। उन्होंने कहा कि विजय वह होती है, जहां आप प्रतिद्वंद्वी को हराते है।
जय वह होती है, जहां कोई हारता नहीं, सभी जीतते हैं। उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश है, जहां इस्लाम, यहूदी और क्रिश्चियन के साथ किसी तरह का कोई भेदभाव नहीं है। मदीने के बाद भारत ही ऐसा देश है, जहां पहली मस्जिद बनी और वह भी हिंदू राजा ने बनवाई। इस मौके पर कार्यक्रम में जिलाधिकारी उमेश प्रताप सिंह, पुलिस अधीक्षक एस आनंद और क्षेत्रीय विधायक हरि प्रकाश वर्मा भी मौजूद थे।