वाराणसी: ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग की नाप/दीवार तोड़कर तहखाने का निरीक्षण और मछली सुरक्षा के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई बुधवार को ही होनी थी, लेकिन अब इन दोनों प्रार्थना पत्रों पर गुरुवार को होगी सुनवाई। वकीलों के कार्य बहिष्कार के चलते बुधवार को सुनवाई स्थगित कर दी गई।
ज्ञानवापी शृंगार गौरी प्रकरण में मुकदमे की वादी रेखा पाठक, मंजू व्यास, सीता साहू ने अदालत में प्रार्थना पत्र देकर तहखानों में रखे मलबे व कमरानुमा संरचना की दीवार हटाकर सर्वे की मांग की है। अदालत ने इस पर सुनवाई के लिए 18 मई की तारीख तय की है। वहीं शासकीय अधिवक्ता महेंद्र प्रसाद पांडेय की ओर से दायर प्रार्थना पत्र, जिसमें उन्होंने सील किए गए वजूखाने में मौजूद मछलियों को सुरक्षित स्थानांतरित करने सहित अन्य मांग की है।
ज्ञानवापी शृंगार गौरी प्रकरण में वादी रेखा पाठक, मंजू व्यास, सीता साहू ने अदालत में प्रार्थना पत्र दिया है। इनके अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि 16 मई को एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान मस्जिद परिसर में शिवलिंग मिला है उसके पूरब तरफ दीवार में दरवाजा है। इस ईंट-पत्थर व सीमेंट से जोड़ाई कर बंद कर दिया गया है। नंदी के मुंह की तरफ जो तहखाना है उसमें मलबा पड़ा हुआ है। इसके उत्तर में दीवार खड़ा करके शिवलिंग को ढंकते हुए सीमेंट से जोड़ दिया गया है। यह भी कहा कि बैरिकेडिंग के अंदर पश्चिम दीवार पर दरवाजे को ईंट-पत्थर सीमेंट से बंद कर दिया गया है। उन्होंने मांग किया कि दीवार व मलबे को हटाकर एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही करते हुए शिवलिंग की लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई के बाबत रिपोर्ट मंगाई जाए।
जिला शासकीय अधिवक्ता (सिविल) पांडेय ने इस आशय का प्रार्थना पत्र दिया कि न्यायालय के आदेश पर कार्यवाही कर विवादित स्थल और नौ जालीदार दरवाजों को सील करके चाबी कोषागार में जमा कर दी गई है। जिस परिसर को सील किया गया है। उसके अंदर निर्मित तालाब में पानी भरा हुआ है जिसमें कुछ मछलियां हैं। परिसर सील होने के कारण मछलियों के जीवन पर संकट आ गया है।