राष्ट्रपति ने स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2022 प्रदान किए
इन्दौर/नई दिल्ली: इन्दौर ने स्वच्छता के क्षेत्र में लगातार 'डबल हेट्रिक' लगाकर आज एक नया इतिहास कायम कर दिया है। इन्दौर देश का ऐसा पहला शहर है, जिसने लगातार छटवी बार देश में पहला स्थान प्राप्त किया है। शनिवार को नई दिल्ली में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू द्वारा इन्दौर को पुरस्कृत किया गया। इन्दौर की ओर से नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने पुरस्कार प्राप्त किया। महापौर पुष्यमित्र भार्गव, सांसद शंकर लालवानी, संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा, कलेक्टर मनीष सिंह भी निगमायुक्त के साथ पुरस्कार लेने मंच पर पहुंचे थे। कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि इन्दौर 2016-17 में पहली बार स्वच्छता के क्षेत्र में देश में अव्वल बना था। उसके बाद लगातार वर्ष 2017-18, वर्ष 2018-19, वर्ष 2019-20 तथा वर्ष 2020-21 में पहला स्थाना प्राप्त होता रहा है। इस वर्ष छटवी बार यह पुरस्कार मिला है। इन्दौर ने स्वच्छता का छक्का लगाया है।
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने पुरस्कार विजेता शहरों के निवासियों, सफाई कर्मियों और स्थानीय प्रशासन को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इन्दौर शहर ने लगातार छठी बार पहला स्थान हासिल किया है। उन्होंने कहा कि इन्दौर शहर के निवासियों ने लोगों की भागीदारी के जिस मॉडल को अपनाया है, उसका अनुसरण पूरे देश में अन्य शहरों के लोग भी कर सकते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण राज्यों और शहरों के बीच स्वच्छता के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के सर्वेक्षण में 4000 से ज्यादा शहरों में तकरीबन 9 करोड़ लोगों ने हिस्सा लिया है। उन्होंने व्यापक स्तर पर नागरिकों के बीच स्वच्छता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए आवास और शहरी कार्य मंत्रालय की सराहना की। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि 'स्वच्छ भारत मिशन' की सफलता के पीछे पिछले आठ वर्षों में केंद्र और राज्य सरकारों और सभी नागरिकों द्वारा किए गए निरंतर प्रयास हैं। उन्होंने कहा कि इस सफलता को हासिल करने में हमारे सफाई मित्रों ने सबसे अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कोविड महामारी के दौरान भी स्वच्छता बनाए रखने के लिए लगातार काम किया। राष्ट्रपति ने कहा कि 2026 तक सभी शहरों को कचरा मुक्त बनाने के उद्देश्य से पिछले साल 1 अक्टूबर को 'स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0' शुरू किया गया था। उन्हें ये जानकर खुशी हुई कि 2 अक्टूबर, 2022 से शहरों में एक अभियान शुरू किया जा रहा है ताकि बेहतर कचरा प्रबंधन के लिए सभी नागरकिों को घरों पर गीले और सूखे कचरे को अलग करने के बारे में जागरूक किया जा सके। उन्होंने कहा कि अपनी गलियों, गांवों, मोहल्लों और शहरों को साफ रखना सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है। उन्होंने सभी लोगों से खासकर युवाओं से इस अभियान में भाग लेने और समाज में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने का आग्रह किया।
:: सबसे स्वच्छ शहरों में इन्दौर अव्वल, सूरत दूसरे व नवी मुम्बई तीसरे स्थान पर रहा ::
स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2022 में इन्दौर को लगातार छठी बार सबसे स्वच्छ शहर चुना गया, जबकि सूरत और नवी मुंबई ने क्रमश: दूसरा तथा तीसरा स्थान पर रहा। सर्वेक्षण के परिणामों की घोषणा शनिवार को ही की गई। स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2022 में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों की श्रेणी में मध्य प्रदेश ने पहला स्थान हासिल किया है, इसके बाद छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र का स्थान है। इन्दौर और सूरत ने इस साल बड़े शहरों की श्रेणी में अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा, जबकि विजयवाड़ा ने अपना तीसरा स्थान गंवा दिया और यह स्थान नवी मुंबई को मिला। सर्वेक्षण के परिणामों के अनुसार, 100 से कम शहरी स्थानीय निकायों वाले राज्यों में त्रिपुरा ने शीर्ष स्थान हासिल किया है।
:: एक लाख से कम आबादी वाले शहरों में पंचगनी पहले स्थान पर ::
एक लाख से कम आबादी वाले शहरों की श्रेणी में महाराष्ट्र का पंचगनी पहले स्थान पर रहा। इसके बाद छत्तीसगढ़ का पाटन (एनपी) और महाराष्ट्र का करहड़ रहा। एक लाख से अधिक आबादी की श्रेणी में हरिद्वार गंगा के किनारे बसा सबसे स्वच्छ शहर रहा। इसके बाद वाराणसी और ऋषिकेश रहे। सर्वेक्षण के परिणामों के अनुसार, एक लाख से कम आबादी वाले गंगा के किनारे बसे शहरों में बिजनौर पहले स्थान पर रहा। इसके बाद क्रमशः कन्नौज और गढ़मुक्तेश्वर का स्थान रहा। सर्वेक्षण में, महाराष्ट्र के देवलाली को देश का सबसे स्वच्छ छावनी बोर्ड चुना गया। स्वच्छ सर्वेक्षण का सातवां संस्करण स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) की प्रगति का अध्ययन करने और विभिन्न स्वच्छता मानकों के आधार पर शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) को रैंक देने के लिए आयोजित किया गया था।