• मदरसे से सम्बन्धित हर चीज को रखे दुरूस्त, सर्वे टीम का करें सहयोग
  • भविष्य में हाईस्कूल पास छात्रों के प्रवेश की योजना

देवबन्द (दैनिक हाक): दारुल उलूम द्वारा रविवार को उत्तर प्रदेश स्तर पर बुलाई गए मदरसा संचालकों के सम्मेलन में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मदरसों का सर्वेक्षण करने के निर्णय को अपना पूरा समर्थन दिया गया। सम्मेलन में तय किया गया कि सर्वे करने वाली टीम को पूरा सहयोग किया जाए और सभी मदरसा संचालक मदरसे से संबंधित हर चीज को दुरुस्त रखें।  

सर्वे को लेकर ना डरेंः मौलाना अरशद मदनी

रशीदिया मस्जिद में आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए जमीअत उलमा हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने सभी मदरसा संचालकों से सर्वे को लेकर किसी तरह के डर या घबराने की जरूरत नहीं है बल्कि सर्वे करने वाली टीम को सही जानकारी उपलब्ध कराएं, जिससे किसी जांच वगैरह के मौके पर कोई परेशानी ना हो। अगर मदरसे के प्रबंधन में किसी तरह की कोई कमी हो तो उसको दुरुस्त कर ले। उन्होने कहा कि मदरसों में होने वाली फंडिंग का निजाम चुस्त-दुरुस्त रखें। उन्होंने कहा कि किसी ऑडिटर के द्वारा सभी हिसाब की वार्षिक जांच कराकर उसकी रिपोर्ट अपने पास सुरक्षित रखें इस बारे में किसी तरह की कोई कमी नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि मदरसे की जमीन जायदाद के कागजात सही रखें मदरसे को चलाने वाली सोसायटी या ट्रस्ट और मदरसे की जायदाद रजिस्ट्रेशन रजिस्टर आदि कानूनी आवश्यकताओं के मुताबिक करा लें। उन्होंने कहा कि मदरसे में छात्रें के लिए सेहतमंद माहौल रखें, मदरसों को साफ सुथरा रखें, खाने का और रहने सहने का इंतजाम पूरी तरह साफ सुथरा और सुरक्षित रखें। सम्मेलन में दारुल उलूम उलूम के मोहतमीम मौलाना अबुल कासिम नोमानी ने कहा कि विभिन्न संस्कृतियों वाले इस देश में चलने वाले मदरसे अपनी शिक्षा चरित्र और सेवाओं के लिए रोशन इतिहास रखते हैं दारुल उलूम की स्थापना अंग्रेजों के शोषण के विरुद्ध हुई थी।

भविष्य में हाईस्कूल पास छात्र ही पा सकेगें प्रवेश

सम्मेलन में मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि भविष्य में दारूलउलूम में भारत के किसी भी बोर्ड से हाईस्कूल पास छात्रें को ही प्रवेश दिया जाएगा। अरबी पजुंम के बाद हाईस्कूल पास छात्रें को संस्था मे ंप्रवेश मिलेगा। उन्होने कहा कि इस कार्य में पांच से सात वर्ष का समय लग सकता है। उन्होने यह भी बताया कि संस्था के मौजूदा छात्रें को भी ओपन बोर्ड से हाईस्कूल की परीक्षा दिलाए जाने की योजना पर भी विचार किया जा रहा है।

मदरसों का मकसद दीनी विरासत की सुरक्षा

कहा कि मदरसों का मकसद मुसलमानों की दीनी विरासत की सुरक्षा के साथ देश से मोहब्बत करना सिखाना भी है। मुल्क की आजादी के लिए हर तरह की कुर्बानी मदरसों द्वारा दी गयी  आजादी के बाद भी मदरसों ने अपना शानदार किरदार जारी रखा। इनसे हमेशा अमन शांति की आवाज बुलंद होती रही मदरसो ने देश को अच्छे नागरिक दिया।

मदरसों से आतंकवाद के खिलाफ बुलंद हुई आवाजें

मदरसे के इतिहास का एक रोशन अध्याय यह भी है कि इनसे आतंकवाद के खिलाफ आवाज बुलंद होती रह।

मदरसों की मेहनत और नेतृत्व से भारत के मुसलमानों की दुनिया भर में साफ-सुथरी छवि कायम हुई जिसका समर्थन समय-समय पर सरकारों ने भी किया। इनके किरदार का एक अच्छा पहलू यह भी है कि इनकी कोई गतिविधि खुफिया नहीं है मदरसों के अंदर किसी के आने जाने पर किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं है।

कोई मदरसा देश विरोधी गतिविधि में नहीं शामिल

आज तक भी किसी मदरसे को देश विरोधी गतिविधियों में शामिल नहीं पाया गया। 

अगर किसी पर इल्जाम भी आया तो वह बाद में निर्दाेष साबित हुआ। इसलिए सभी लोगों को चाहिए कि मदरसों के अमन पसंद और देश प्रेम किरदार को सामने रखें गलत बातों से प्रभावित ना हो। कहा कि सम्मेलन के द्वारा कौम के हर वर्ग से अपील की जाती है कौम के लिए रीढ़ की हîóी की हैसियत रखने वाले मदरसों की कदर कीमत को समझे।

लगभग 300 मदरसा संचालक रहे शामिल

सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में मदरसों को संचालित करने वाले लगभग 300 संचालक शामिल रहे सम्मेलन सवेरे 9 बजे शुरू हुआ और साढे 12 बजे का समापन हो गया। 

सम्मेलन के दौरान खुफिया विभाग एलआईयू विभाग व पुलिस पूरी तरह मुस्तैद रही। 




Related news