- दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत बनाने पर की गई चर्चा

समरकंद: चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने मुलाकात कर दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत बनाने पर चर्चा की। गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में यूक्रेन के धीरे-धीरे मजबूत होने की पृष्ठभूमि में दोनों नेताओं की मुलाकात हुई है। शांघाई को-ऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (एससीओ) की आठ देशों की बैठक से इतर उज्बेकिस्तान में दोनों देशों के राष्ट्रपतियों की मुलाकात हुई। एससीओ का गठन अमेरिका के बढ़ते प्रभाव के मद्देनजर किया गया है जिसमें भारत, पाकिस्तान और मध्य एशिया में पूर्व सोवियत संघ के चार देश शामिल हैं। एससीओ की बैठक में यूक्रेन पर रूस के हमले के अलावा उज्बेकिस्तान के पड़ोसियों आर्मेनिया और आजरबैजान के बीच तनाव और तकनीक, सुरक्षा तथा सीमा के मुद्दों को लेकर चीन के साथ अमेरिका, यूरोप, जापान और भारत के संबंधों में आए तनाव पर भी चर्चा हुई। शी के साथ अपनी बैठक से पहले पुतिन ने कड़े शब्दों में अमेरिका की आलोचना करते हुए यूक्रेन मुद्दे को अमेरिका और उसके सहयोगियों द्वारा अपना वैश्विक दबदबा बनाए रखने का खराब प्रयास बताया।

रूस के राष्ट्रपति ने अपनी शुरूआती टिप्पणी में कहा ‎कि एकध्रुवीय विश्व बनाने के प्रयास ने हाल ही में बड़ा भद्दा रूप ले लिया है। दुनिया के ज्यादातर देशों को यह बिलकुल स्वीकार्य नहीं है। हालांकि, शी ने थोड़ा संयमित का उपयोग किया और कहा कि चीन ‎कि जिम्मेदार वैश्विक शक्ति का उदाहरण पेश करने और तेजी से बदलती दुनिया को समावेशी तथा सकारात्मक विकास की ओर ले जाने में नेतृत्वकारी भूमिका निभाने को तैयार है। प्राचीन शहर समरकंद में एससीओ का सम्मेलन करीब ढाई साल पहले शुरू हुए कोविड संकट के बाद राष्ट्रपति शी की पहली विदेश यात्रा है। इससे स्पष्ट है कि चीन स्वयं को क्षेत्रीय शक्ति के रूप में पेश करना चाहता है।





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