लक्सर (दैनिक हाक): फिल्म ’स्पेशल 26’ की तर्ज पर नामी-गिरामी होटलों में बेरोजगार युवक-युवतियों का इंटरव्यू लेकर हरिद्वार में बेरोजगार युवाओं को सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर उनसे मोटी रकम ऐंठने वाले रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए लक्सर पुलिस ने गिरोह में शामिल चार आरोपितों को गिरफ़्तार किया है।जबकि उनका एक साथी अभी फरार हैं, गिरफ्त में आए आरोपियों के कब्जे से तीन कारें (बोलेरो क्विड सैंटरो) 90 हज़ार की नकदी, सरकारी विभागों की मुहर, फ़र्ज़ी नियुक्ति पत्र, आर्मी की वर्दी, पुलिस की जैकेट आदि बरामद किए गए हैं। पुलिस अधीक्षक ग्रामीण स्वप्न किशोर सिंह के मुताबिक पिछले कुछ समय से हरिद्वार जनपद के लक्सर, मंगलोर, कलियर, बहादराबाद आदि स्थानों से युवाओं को सरकारी विभागों में भर्ती कराने के नाम पर पैसों की ठगी किए जाने की शिकायतें मिल रही थी। जिसको संज्ञान में लेते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने उनको टीम गठित कर उक्त मामले के खुलासे के निर्देश दिए थे।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देशानुसार कोतवाली प्रभारी लक्सर अमरजीत सिंह प्रभारी कोतवाली रुड़की देवेंद्र सिंह और एसएसआई रुड़की प्रदीप तोमर,एस एस आई लक्सर अंकुर शर्मा, चौकी प्रभारी सुल्तानपुर मनोज नौटियाल, चौकी प्रभारी मेन बाजार नीरज रावत, एसआई अमित नौटियाल, एसआई गीता चौहान, एस आई रुड़की देवेंद्र पाल तथा कांस्टेबल अजीत तोमर, शूरवीर सिंह, हमीद खान व गुलशन नेगी रुड़की की टीम ने जांच के बाद जानकारी जुटाते हुए कोतवाली लक्सर क्षेत्र के टीक्कमपुर गांव में छापेमारी कर भर्ती सेंटर का भंडाफोड़ करते हुए 4 व्यक्तियों विजय नौटियाल पुत्र मीर सिंह, रेनू पुत्री मीर सिंह, नितिन पुत्र चमन निवासी गण टीक्कमपुर कथा सिद्धार्थ पुत्र नवबहार निवासी गांव धारीवाला को गिरफ्तार किया। जबकि उनका एक साथी अजय नौटियाल पुत्र मीर सिंह निवासी टीक्कमपुर अभी फरार चल रहा है। पुलिस ने इनके पास से 90 हज़ार की नकदी, तीन कार, छह मोबाइल फोन, लैपटॉप, प्रिंटर, फर्जी नियुक्ति पत्र, विभिन्न सरकारी विभागों की 9 मुहर, एक दर्जन से अधिक बैंकों की पासबुक, चेकबुक, बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों की अंकतालिका, व अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं।
लक्सर कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह ने बताया कि पूछताछ में आरोपितों ने कई हैरान करने वाले खुलासे किए हैं, यह गिरोह विभिन्न विभागों में 10ः विभागीय कोटा बताकर बेरोजगारों को रोजगार दिलाने का झूठा लालच देता था और प्रत्येक से 5 से रू. 10 लाख लेकर नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा करते थे। उन्होंने लोक सेवा आयोग और उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के तहत भर्तियों के नाम पर कई युवाओं से रकम लेने और फर्जी नियुक्ति पत्र देकर ठगी करने की बात स्वीकार की है।आरोपितों का नेटवर्क कई स्थानों पर फैला हुआ था। इसके साथ ही गिरोह ने अपना रूप दिखाने के लिए दो गार्ड 8-8 हजार रुपए प्रति माह के वेतन पर रखे हुए थे जिन्हें वह आर्मी की वर्दी पहना कर अपने साथ जगह-जगह ले जाते थे ताकि किसी को कोई शक न हो। गिरोह के ऊपर रुड़की,बहादराबाद, मंगलौर, कलियर आदि थानों में धोखाधड़ी की गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस द्वारा मामले की गहनता से जांच की जा रही है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने पुलिस टीम को दस हज़ार का इनाम देने की घोषणा की है।