भावुक पोस्ट में लिखा- आस्ट्रेलियन ओपन व दुबई ओपन होगा मेरा आखिरी टूर्नामेंट
नई दिल्ली: आखिर भारतीय टेनिस प्लेयर सानिया मिर्जा ने अपने संन्यास का ऐलान कर ही दिया। सानिया ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की है जिसमें अपनी टेनिस जर्नी और उपलब्धियां को उन्होंने जिक्र किया है। उन्होंने लिखा कि आस्ट्रेलियन ओपन और दुबई ओपन मेरा आखिरी टूर्नामेंट होगा। सानिया ने अपने नोट में लिखा कि 30 साल पहले हैदराबाद की एक छह साल की लड़की निजाम क्लब के टेनिस कोर्ट पर पहली बार अपनी मां के साथ गई और कोच ने बताया कि टेनिस कैसे खेलते हैं। कोच को लगा था कि टेनिस सीखने के लिए मैं बहुत छोटी हूं। मेरे सपनों की लड़ाई छह साल की उम्र में ही शुरू हुई। मेरे माता-पिता और बहन मेरा परिवार मेरे कोच फिजियो समेत पूरी टीम के समर्थन के बिना यह संभव नहीं था जो अच्छे और बुरे समय में मेरे साथ खड़े रहे। मैं उनमें से हर एक के साथ अपनी हंसी आंसू दर्द और खुशी साझा की है। उसके लिए मैं सभी का धन्यवाद देना चाहती हूं। आप सभी ने जीवन के सबसे कठिन दौर में मेरी मदद की है। आपने हैदराबाद की इस छोटी सी लड़की को न केवल सपना देखने की हिम्मत दी बल्कि उन सपनों को हासिल करने में भी मदद की। आप सभी का तहेदिल से शुक्रिया। सानिया ने लिखा कि काफी उम्मीदों के साथ जब काफी विरोध हो रहा था मैंने ग्रैंड स्लैम खेलने का सपना देखा था और स्पोर्ट के सर्वोच्च स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करने का सपना देखा था। अब जब मैं अपने करियर को पीछे मुड़कर देखती हूं तो मुझे लगता है कि न सिर्फ मैंने ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट का अर्धशतक लगाया बल्कि उनमें से कुछ जीतने में भी कामयाब रही। देश के लिए मेडल जीतना मेरे लिए सबसे बड़ा सम्मान रहा है। पोडियम पर खड़ा होना और दुनियाभर में तिरंगा का सम्मान होते देखना मेरे लिए सम्मान की बात रही है। मैं जब यह लिख रही हूं तो मेरे रोंगटे खड़े हो रहे हैं और मेरी आंखों में आंसू है। सानिया ने लिखा कि मैं खुद को बहुत धन्य मानती हूं कि मैंने अपने सपने को जिया है। साथ ही अपने गोल्स को भी हासिल किया। मेरा परिवार हमेशा मेरे साथ रहा। प्रोफेशनल एथलीट रहते मुझे 20 साल हो चुके हैं और टेनिस प्लेयर रहते मुझे 30 साल बीत चुके हैं। यही मुझे पूरे जीवन में पता रहा।
सानिया की ग्रैंड स्लैम की यात्रा 2005 से शुरू हुई
मेरे ग्रैंड स्लैम की यात्रा 2005 में ऑस्ट्रेलियन ओपन से शुरू हुई थी। इसलिए यही ग्रैंड स्लैम मेरा आखिरी ग्रैंड स्लैम बनने के लिए बिल्कुल सटीक है। जैसे कि मैं 18 साल बाद अपने आखिरी ऑस्ट्रेलियन ओपन के लिए तैयार हूं और इसके बाद फरवरी में होने वाले दुबई ओपन के लिए मेरे मन काफी भावुक हो उठा है। मुझे गर्व महसूस हो रहा है। मैंने अपने 20 साल के प्रोफेशनल करियर में जो कुछ भी हासिल किया और जो यादें बनाईं उसके लिए आभारी हूं। जब भी मैं विजयी हुई तब अपने देश के लोगों के मन में जो खुशी देखी वह मेरे लिए सबसे यादगार पल है। सानिया ने लिखा कि जिंदगी चलती रहनी चाहिए। मुझे नहीं लगता कि यह अंत है। यह अन्य यादों की शुरुआत है। मेरे बेटे को मेरी काफी जरूरत है और मैं उसे अच्छी जिंदगी और ज्यादा समय देने का और इंतजार नहीं कर सकती।