नई दिल्ली: पाकिस्तान से तनावपूर्ण रिश्तों और चीन के साथ सीमा विवाद के बीच मोदी सरकार सीमा पर लगातार कदम उठा रही है। रक्षा मंत्रालय ने एक फैसले में भारतीय सशस्त्र बलों के लिए करीब 120 प्रलय बैलिस्टिक मिसाइलों की खरीद को मंजूरी दे दी है। इन मिसाइलों को सेना की तरफ से चीन और पाकिस्तान के साथ सटी सीमाओं पर तैनात किया जाएगा। वर्तमान में प्रलय बैलिस्टिक मिसाइलें 150 से 500 तक के लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है। इस मिसाइल को इंटरसेप्टर मिसाइलों से दुश्मन के लिए पता लगा पाना मुश्किल है।

 रक्षा सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्रालय की एक उच्च स्तरीय बैठक ने सशस्त्र बलों के लिए करीब 120 मिसाइलों की खरीद और सीमाओं पर उनकी तैनाती को मंजूरी दे दी है। इन बैलिस्टिक मिसाइल के सेना में शामिल होना देश के लिए बड़ी बात है। अब देश के पास ऐसी नीति है जो सामरिक भूमिकाओं में बैलिस्टिक मिसाइलों के उपयोग की अनुमति देती है। 

 सूत्रों ने कहा कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन की तरफ से डवलप की गई मिसाइल को और बेहतर बनाया जा रहा है। ऐसे में अगर सेना चाहे तो इसकी रेंज को काफी बढ़ाया जा सकता है। इस मिसाइल प्रणाली को 2015 के आसपास विकसित करना शुरू किया गया था। दिवंगत जनरल बिपिन रावत की तरफ से इस तरह की क्षमता के विकास को बढ़ावा दिया गया था। 

 मिसाइल प्रलय एक अर्ध-बैलिस्टिक सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है। यह इंटरसेप्टर मिसाइलों को मात देने में सक्षम है। इसके लिए इसे एडवांस मिसाइल की तरह डेवलप किया गया है। इस मिसाइल में हवा में एक निश्चित सीमा तय करने के बाद अपना रास्ता बदलने की क्षमता भी है। प्रलय एक सॉलिड प्रोपेलैंट रॉकेट मोटर और अन्य नई तकनीकों से चलती है। मिसाइल मार्गदर्शन प्रणाली में अत्याधुनिक नेविगेशन और एकीकृत एवियोनिक्स शामिल हैं। मिसाइल को पहले भारतीय वायु सेना में शामिल किया जाएगा। 

 प्रलय एक कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है। यह जमीन से जमीन पर मार करने के लिए विकसित की गई है। डीआरडीओ ने इसे देश की विश्वसीनय पृथ्वी मिसाइल सिस्टम पर डेवलप किया है।

डीआरडीओ ने अग्नि-प्राइम को अग्नि 1 और अग्नि 2 सीरीज की मिसाइल से ज्यादा एडवांस बनाया है। प्रलय को पाकिस्तान की कम दूरी की परमाणु मिसाइलों से मुकाबला करने के लिए तैयार किया गया है। प्रलय मिसाइल सॉलिड प्रॉपेलेंट रॉकेट मोटर और कई नई तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है। यह मिसाइल की मारक क्षमता 150-500 किलोमीटर है। इसे मोबाइल लॉन्चर से छोड़ा जा सकता है। यह 500-1000 किलो भार ले जाने में सक्षम है। इस मिसाइल की गाइडेंस प्रणाली में मॉर्डन नेविगेशन और इंटीग्रेडेड एवियोनिक्स सिस्टम शामिल हैं।






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