संजीव ठाकुर*

इस्लामाबाद न्यूज़ एजेंसी डॉन के अनुसार पाकिस्तान में अब तो दो प्रधानमंत्री हो गए हैं, एक शहबाज शरीफ इस्लामाबाद में और दूसरे लंदन में बैठे निर्वासित पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, अपनी नाक सरकार के कामों में डाल रहे हैंl न्यूज़ एजेंसी के अनुसार विगत दिनों पूरी कैबिनेट की लंदन में जाकर नवाज शरीफ की अध्यक्षता में मीटिंग हुई है जिसमें मुद्रा संकट एवं शासन चलाने के कुछ तौर तरीके नवाज शरीफ अपने छोटे भाई पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को सिखा रहे हैं l पाकिस्तान में इस्लामाबाद तथा लंदन से दो दो प्रधानमंत्री सरकार चला रहे हैंl हास्यास्पद बात यह है कि शहबाज शरीफ हर बात नवाज शरीफ से पूछ ही करते हैंl सरकार गठन के 1 माह बाद भी पाकिस्तान की हालत और नाजुक से नाजुक होती जा रही है। डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया ₹187 आंका जा रहा हैl मुद्रास्फीति की हालात बहुत खराब हैl रोटी बनाने के लिए आटा 20 किलो का पैकेट 1350 रुपए पहुंच गया है। नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को सुरक्षित जमा के रूप में 3 अरब डॉलर की मदद करने की बात सऊदी अरब में की थी जो उससे अब साफ मुकर गया हैl उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान पिछले दो वर्षों से मुद्रास्फीति के निचले स्तर पर पहुंच गया है, एवं खाद्य पदार्थों एवं आवश्यक वस्तुओं की महंगाई अपनी चरम सीमा पर है पेट्रोल डीजल में भी 12 और ₹13 की वृद्धि कर दी गई है,बिजली के बिलों में 10 से 15% की वृद्धि कर दी गई है। पाकिस्तान के पास खर्चा चलाने के लिए आवश्यक धनराशि उपलब्ध नहीं हैl शहबाज शरीफ को विरासत में एक टूटा फूटा ,लंगड़ा पाकिस्तान मिला है, वे प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बन तो गए हैं पर अब पाकिस्तान चलाना उनके बस की बात नहीं रही। करेला ऊपर से नीम चढ़ा यह कि उसके सबसे बड़े संरक्षक देश चीन ने भी उस पर कहर ढाना शुरू कर दिया हैl पाकिस्तान में विगत दिनों एक विस्फोट में 9 चीनी इंजीनियरों की मौत से वहां तहलका मच गया है और कराची के बलूची हमले से तीन चीनी नागरिकों की मौत से चीन पाकिस्तान से बुरी तरह से नाराज है और उसने पाकिस्तान को खामियाजा भुगतने की चुनौती भी दे दी है। चीन अब किसी भी तरह से पाकिस्तान की मदद करने को तैयार नहीं है उल्टे चीन ने मुआवजे के रूप में अरबों डॉलर की पाकिस्तान से मांग की है। दूसरी तरफ इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड ने पाकिस्तान को भविष्य में कर्जा देने से इनकार कर दिया हैl अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के अधिकारियों का मानना है कि यदि पाकिस्तान को और कर्जा दिया दिया जाएगा तो उसके डूबने के पूरे आसार हैं,क्योंकि पाकिस्तान की भुगतान करने की क्षमता तब एकदम कमजोर हो गई है ऐसे में पाकिस्तान को जो ऋण दिया जाएगा वह निश्चित रूप से डूब जाएगा इन परिस्थितियों में पाकिस्तान असहाय होकर पूरी दुनिया से दोनों हाथ फैलाकर सहायता मांग रहा हैl पाकिस्तान के अंदरूनी हालात बहुत खराब हो गए हैं। पाकिस्तान की आवाम महंगाई बेरोजगारी एवं पेट्रोल डीजल के दाम से त्रस्त हो गई हैl पाकिस्तान ने सोचा था कि अफगानिस्तान में तालिबानियों की मदद के पश्चात अफगानिस्तान से बड़ी मदद मिल सकती थी किंतु अफगानिस्तान के हालात भी आर्थिक तंगी के कारण बहुत ज्यादा खराब हैं। वहां से मदद न मिलने के पश्चात पाकिस्तान ने अपनी आवश्यक सेवाओं में करो कि बेतहाशा वृद्धि कर दी है। पाकिस्तान में राजनीतिक हालात भी अस्थिर है। सऊदी अरब ने वादा किया है कि वह अन्य मदद के अलावा सऊदी अरेबिया पाकिस्तान को 1.56 और 2 अरब अमेरिकी डॉलर के पेट्रोलियम उत्पाद का खर्च भी उठाएगा तथा इसके अतिरिक्त सऊदी अरब पाकिस्तान के खाते में 3 अरब अमेरिकी डालर जमा करेगी और यह मदद 2023 तक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के कार्यक्रम के समाप्त होते तक जारी रखा जाएगा। इसके अतिरिक्त सऊदी अरब 1.5 अरब अमेरिकी डॉलर का तेल भी पाकिस्तान को उधारी में देगा। इस तरह पाकिस्तानी एजेंसियों के द्वारा बताया गया की पाकिस्तान की माली हालत सऊदी अरब की मदद से आने वाले समय में दो-तीन वर्षों तक ठीक रहेंगे। सऊदी अरब का पाकिस्तान का समर्थन भी करेगा। पर यदि पाकिस्तान में घरेलू उत्पाद के उत्पादन में इजाफा नहीं हुई तो यह संकट आने वाले समय में और गहरा जाएगा। इमरान सरकार के बाद से पाकिस्तान पूरी तरह कर्जे में डूब चुका है। पाकिस्तान की माली हालत खराब होने के बाद भी पाकिस्तान अपने बड़े बड़बोले पन से बाज नहीं आता है।

—चिंतक,लेखक, रायपुर छत्तीसगढ़



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