प्रदेश में 85 हजार हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती हो रही 

लखनऊ: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि मां गंगा उत्तर प्रदेश को प्रकृति प्रदत्त अनुपम उपहार हैं। गंगा जी के बहाव के सर्वाधिक क्षेत्र उत्तर प्रदेश में है। यह हमारी आस्था का केंद्र बिंदु हैं तब वहीं अर्थव्यवस्था का बड़ा आधार भी है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रयागराज कुंभ 2025 के प्रारंभ होने से पहले तक मां गंगा को अविरल-निर्मल बनाने का संकल्प पूर्ण करना होगा। नदियों को सीवरेज के गंदगी और पानी को विषाक्त होने से बचाने के लिए एसटीपी लगाए जाने की कार्यवाही में तेजी की अपेक्षा है। आज गंगा नदी में डॉल्फिन की वापसी हुई है तब तकनीक का प्रयोग कर नदियों को स्वच्छ बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे परियोजना गंगा के साथ साथ सहायक नदियों के लिए भी है। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में यहां अभूतपूर्व कार्य हुआ है। कानपुर के जाजमऊ और सीसामऊ में गंगाजी में गंदे पानी को गिरने से रोकने के लिए प्रभावी प्रयास किया गया है। आज यह सेल्फी पॉइंट बन गया है। उन्होंने कहा कि अर्थ गंगा अभियान का सर्वाधिक लाभ उन करोड़ों लोगों को होगा जिनकी आजीविका गंगा पर ही निर्भर है। अर्थ गंगा से सकल घरेलू उत्पाद में 3 फीसद का योगदान होने के लक्ष्य के साथ हमें ठोस प्रयास करना होगा। विशेषज्ञों की सहायता से इसे एक मॉडल के रूप में विकसित करने के लिए प्रयास किये जाएं।

इतना ही नहीं सीएम योगी ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने और विषमुक्त खेती को बढ़ावा देने के मकसद से राज्य सरकार ने गंगा के दोनों तटों पर 5-5 किलोमीटर तक प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं। प्रदेश में 27 जनपद गंगा से जुड़े हुए हैं। इसके अलावा बुंदेलखंड के सात जिलों में प्राकृतिक खेती के लिए विशेष अभियान शुरू किया गया है। वर्तमान में लगभग 85 हजार हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती हो रही है। इस बार यहां उत्पादन अच्छा हुआ है। योगी ने कहा कि अब तक प्रदेश में 66180 हेक्टेयर क्षेत्र को जैविक खेती तहत लाया गया है। एक लाख से अधिक किसान जैविक खेती से लाभान्वित हो रहे हैं। 







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