नई दिल्ली: केंद्र सरकार देश में चीनी के रेट पर कड़ी नजर रख रही है। चीनी के दामों को बढ़ने से रोकने के लिए सरकार ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि सरकार घरेलू आपूर्ति सुनिश्चित करने और लगातार बढ़ रहे चीनी के दामों को नियंत्रित करने के लिए सितंबर 2023 तक निर्यात कोटे में कटौती कर सकती है। सूत्रों के अनुसार, सरकार 2021-22 में चीनी निर्यात कोटे को 11.2 मिलियन टन से घटाकर 9 मिलियन टन कर सकती है।
भारत दुनिया में चीनी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है।
सबसे बड़े निर्यातक ब्राजील में बारिश होने के कारण गन्ने की पेराई धीमी हो गई है, जिस वजह से वैश्विक आपूर्ति में गिरावट आई है। मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि नई दिल्ली पहले सिर्फ 8 मिलियन टन चीनी निर्यात की अनुमति देने का मन बना रहा था, लेकिन अब चीनी के घरेलू सरप्लस भंडार के ज्यादा होने की संभावना से थोड़ी ज्यादा चीनी निर्यात को अनुमति मिल सकती है।
चीनी निर्यात का कोटा घटाने के संबंध में वाणिज्य मंत्रालय से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। सूत्रों के अनुसार सरकार उत्पादन की गति के आधार पर पहले चरण में 60 लाख टन और दूसरे चरण में 30 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति देने पर विचार कर रही है।
पहले भारत से चीनी निर्यात पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं था, लेकिन, सरकार ने पिछले साल घरेलू बाजार में चीनी की सप्लाई सुनिश्चित करने और कीमतों को काबू रखने के लिए चीनी निर्यात की सीमा निर्धारित कर दी। सरकार ने पिछले शनिवार को ही चीनी निर्यात प्रतिबंधों को अगले साल अक्टूबर तक बढ़ाने का फैसला किया था। हालांकि, कुछ कोटा के तहत यूरोपीय संघ और अमेरिका को निर्यात की जाने वाली चीनी पर प्रतिबंध लागू नहीं होता है।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन के अनुसार, इस साल भारत में चीनी का उत्पादन 35.5 मिलियन टन रहने का अनुमान है। देश 2020-21 में ब्राजील के बाद सबसे बड़ा चीनी निर्यातक था। भारतीय चीनी के प्रमुख खरीदारों में इंडोनेशिया, बांग्लादेश, मलेशिया और संयुक्त अरब अमीरात हैं। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी निर्यातक होने के साथ ही विश्व में चीनी का सबसे बड़ा उपभोक्ता भी है।