मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत में बुनियादी आर्थिक गतिविधियां मजबूत बनी हुई हैं लेकिन बाहरी कारकों से अर्थव्यवस्था को कुछ नुकसान होगा। गवर्नर दास ने कहा कि आरबीआई 70 तेजी से बढ़ने वाले संकेतकों पर नजर रखता है और उनमें से ज्यादातर अच्छी स्थिति में हैं। आरबीआई प्रमुख ने कहा कि बाहरी मांग का प्रभाव अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।

केंद्रीय बैंक ने इस माह की शुरुआत में अगले वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अपने वृद्धि अनुमान को पहले के सात प्रतिशत से घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया। दास ने कहा कि भारतीय वित्तीय क्षेत्र लचीला बना हुआ है और काफी बेहतर स्थिति में है। उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि के लिए नियामक और वित्तीय क्षेत्र की कंपनियों दोनों का श्रेय है। दास ने मुद्रास्फीति पर कहा कि महंगाई पर काबू पाने के लिए सरकार और केंद्रीय बैंक के बीच बेहद समन्वित प्रयास रहा है।

वित्तीय स्थिरता के क्रिप्टोकरेंसी बेहद खतरनाक 

भारत के केंद्रीय बैंक के प्रमुख ने चेतावनी दी कि अगला वित्तीय संकट निजी क्षेत्र के क्रिप्टोकरेंसी से आएगा और उनका अभी भी मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। दास ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी का कोई अंतर्निहित मूल्य नहीं है और व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए जोखिम पैदा करता है। आरबीआई गर्वनर ने कहा कि वित्तीय स्थिरता के क्रिप्टोकरेंसी बेहद खतरनाक है। आरबीआई गर्वनर पहले भी कह चुके हैं कि इससे देश की व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता को गंभीर खतरा पैदा हो सकता है। 





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