रानीगंज: पश्चिम बंगाल की राजनीति में इन दिनों घमासान मचा हुआ है। फिर टीएमसी और भाजपा आमने-सामने हैं। भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ फिर से मोर्चा खोला गया है। प्रदेश भाजपा ने अपने दिग्गज नेताओं के नेतृत्व में नबान्न अभियान को शुरू कर दिया है, जिसमें सभी कार्यकर्ता राज्य सचिवालय नबान्न की ओर मार्च निकाल रहे हैं। इस बीच खबर है कि रानीगंज रेलवे स्टेशन के बाहर मंगलवार को भाजपा कार्यकर्ता और पुलिस के बीच झड़प हो गई है। रानीगंज में पुलिस ने कई भाजपा कार्यकर्ताओं को एहतियातन हिरासत में लिया है।
इसके अलावा बोलपुर रेलवे स्टेशन के अंदर भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हुई है। यहां भी पुलिस ने कार्यकर्ताओं को नबान्न चलो मार्च में भाग लेने के लिए कोलकाता जाने से रोका था। बोलपुर में भी कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है। भाजपा नेता अभिजीत दत्ता ने कहा कि सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता ट्रेनों से भाजपा के नबान्न मार्च में शामिल होने के लिए कोलकाता की ओर बढ़ रहे हैं। पुलिस ने रेलवे स्टेशनों के रास्तों पर बैरिकेडिंग की है। हमारे 20 कार्यकर्ताओं को पुलिस ने दुर्गापुर रेलवे स्टेशन के पास रोका। मैं अन्य रास्तों का उपयोग करके यहां पहुंचा हूं।
भाजपा के जुलूस को रोकने के लिए कोलकाता की सीमाओं को कड़ी सुरक्षा के बीच बंद कर दिया गया है। कोलकाता की कई सड़कों को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया गया है। जुलूस को रोकने के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस ने नबान्न के आसपास के 5 किलोमीटर के दायरे को किले में बदल दिया है। भाजपा विधायक अग्निमित्र पॉल ने कहा था कि नबान्न चलो अभियान की तैयारियां कर ली गई हैं। यह सिर्फ भाजपा का विरोध नहीं है, बल्कि बंगाल के सभी लोगों का विरोध है। ममता बनर्जी को जवाब देना होगा कि उनकी सरकार ने बंगाल के लोगों को धोखा क्यों दिया है।