कोलकाता: भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी को सभी पदों से हटा कर पार्टी से निलंबित किया गया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यह कार्रवाई की है। ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने कहा कि पार्थ चटर्जी को पार्टी के सभी पदों (पांच पदों) से हटा दिया गया है। अगर यह साबित हो जाता है कि वह निर्दोष हैं तो पार्टी के दरवाजे उनके लिए दोबारा से खुले हैं। ये कड़े कदम इसलिए उठाये जा रहे हैं, ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न बने। इतने पैसे कहां से आए हैं, संपत्ति के स्रोत की जांच होनी चाहिए। चाहे उस व्यक्ति की पार्टी में कोई भी स्थिति क्यों न हो। जिन घरों से नकदी मिली थी, उसके मालिक का पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है।
अभिषेक बनर्जी ने कहा कि हम मांग करते हैं कि टीएमसी से शिफ्ट हुए बीजेपी नेताओं की भी जांच हो और उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए। दो अलग-अलग कानून या नियम नहीं हो सकते। हम अनियमितताओं की किसी भी जांच के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन सभी की जांच, और एक निश्चित समय सीमा के भीतर करें। हम किसी भी गलत काम के लिए जीरो टॉलरेंस रखते हैं।
ज्ञात रहे कि पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में जांच प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई जारी है। गुरुवार को बंगाल के पूर्व मंत्री और तृणमूल कांग्रेस पार्टी नेता पार्थ चटर्जी की करीबी के चौथे घर की तलाशी ली गई। अर्पिता मुखर्जी के एक अन्य घर की तलाशी में करीब 30 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुई थी।