Human Wildlife Conflict : रुद्रप्रयाग में वन विभाग की समीक्षा बैठक, सुरक्षा उपायों के लिए मिले 40 लाख रुपए

रुद्रप्रयाग में बढ़ते मानव-वन्यजीव संघर्ष पर वन विभाग की बड़ी कार्रवाई
रुद्रप्रयाग में वन विभाग की समीक्षा बैठक, सुरक्षा उपायों के लिए मिले 40 लाख रुपए

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में मानव-वन्यजीव संघर्ष की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए वन संरक्षक गढ़वाल आकाश कुमार वर्मा ने सोमवार को विभागीय समीक्षा बैठक आयोजित की। बैठक में हालिया घटनाओं, सुरक्षा उपायों, संसाधनों की उपलब्धता और संवेदनशील क्षेत्रों में तैनाती को लेकर विस्तृत चर्चा की गई।

आकाश कुमार वर्मा ने बताया कि बीते महीनों में मानव-वन्यजीव संघर्ष तेजी से बढ़ा है। इस वर्ष अब तक कम से कम छह लोगों की जानें जा चुकी हैं, जबकि 120 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।

उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से लगातार संवेदनशील क्षेत्रों का आकलन किया जा रहा है और जोखिम को कम करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। गुलदार के हमलों के बाद इस वर्ष भालू के हमलों में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है, जिसके कारणों की विभागीय टीमें पड़ताल कर रही हैं।

बैठक में जंगली जानवरों की गतिविधियों की निगरानी, मौके पर कार्मिकों की तैनाती, जागरूकता कार्यक्रमों को बढ़ाने तथा स्थानीय नागरिकों से संवाद को मजबूत करने पर जोर दिया गया।

इधर, रुद्रप्रयाग में गुलदार और भालू की बढ़ती सक्रियता को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन ने भी सुरक्षा उपायों को मजबूत किया है। जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने एवं आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वन विभाग को 40 लाख रुपए की अतिरिक्त धनराशि आवंटित की है।

टीम की तरफ से जारी इस धनराशि से विभाग द्वारा आधुनिक थर्मल ड्रोन, फॉक्स लाइट, ट्रैंकुलाइज गन, एनआईडस, उन्नत पिंजरे और अन्य सुरक्षा उपकरण खरीदे जा रहे हैं। इन उपकरणों का उपयोग निगरानी, रेस्क्यू कार्यों और आपात स्थितियों में त्वरित कार्रवाई के लिए किया जाएगा।

प्रभागीय वनाधिकारी रुद्रप्रयाग रजत सुमन ने बताया कि हाल के दिनों में संघर्ष की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है। नए उपकरणों की आवश्यकता को लेकर प्रशासन को प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे 28 नवंबर को आयोजित बैठक में तत्काल स्वीकृत कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि आधुनिक उपकरणों से जंगली जानवरों की मूवमेंट को रियल-टाइम ट्रैक किया जा सकेगा, जिससे दुर्घटनाओं और हमलों की संभावना में प्रभावी कमी आएगी। इसके साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में गश्त बढ़ाने, अलर्ट सिस्टम मजबूत करने और रेस्क्यू ऑपरेशनों की दक्षता बढ़ाने पर भी विभाग फोकस कर रहा है।

--आईएएनएस

 

 

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