Uttarakhand NCRB Report : उत्तराखंड में कानून व्यवस्था में सुधार, महिला संबंधी अपराधों में 12 प्रतिशत की कमी: आईजी नीलेश आनंद भरणे

आईजी नीलेश आनंद ने अपराध नियंत्रण और नई चुनौतियों पर दी जानकारी
उत्तराखंड में कानून व्यवस्था में सुधार, महिला संबंधी अपराधों में 12 प्रतिशत की कमी: आईजी नीलेश आनंद भरणे

देहरादून: उत्तराखंड के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) लॉ एंड ऑर्डर नीलेश आनंद भरणे ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट पर कई महत्वपूर्ण जानकारी साझा की।

उन्होंने बताया कि रिपोर्ट में राज्य की कानून-व्यवस्था और अपराध नियंत्रण में सुधार के सकारात्मक संकेत मिले हैं, लेकिन कुछ क्षेत्रों में नई चुनौतियां भी उभरी हैं। एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में महिला संबंधी अपराधों में 12 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।

आईजी नीलेश आनंद ने इसे पुलिस की सघन कार्रवाई, जागरूकता अभियानों और समुदायिक सहयोग का परिणाम बताया।

उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा को लेकर चलाए जा रहे विशेष अभियान और त्वरित कार्रवाई से यह कमी संभव हुई है। लापता बच्चों के मामलों में भी उत्तराखंड ने बेहतर प्रदर्शन किया है। साल 2023 में कुल 1,025 बच्चे लापता हुए थे, जिनमें से 933 को उसी वर्ष बरामद कर लिया गया। वर्तमान में केवल 15 बच्चे गुमशुदा हैं, जो पुलिस की सक्रियता को दर्शाता है। पॉक्सो एक्ट के तहत होने वाले अपराधों में भी 3 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई, जो बच्चों और युवाओं की सुरक्षा के लिहाज से सकारात्मक संकेत है।

उन्होंने आगे कहा कि आर्म्स एक्ट के तहत हथियारों की बरामदगी में उत्तराखंड ने देशभर में दूसरा स्थान हासिल किया है। साइबर क्राइम के मामले में भी उत्तराखंड का प्रदर्शन राष्ट्रीय औसत से बेहतर रहा। जहां देश में लंबित मामलों (पेंडेंसी) का औसत 62.4 प्रतिशत है, वहीं उत्तराखंड में यह केवल 45.9 प्रतिशत है। हालांकि, एनडीपीएस (नार्कोटिक्स) मामलों में चिंताजनक स्थिति सामने आई है।

एनसीआरबी की रिपोर्ट में सिंथेटिक ड्रग्स की तस्करी में वृद्धि दर्ज की गई। विशेष रूप से स्कूलों और कॉलेजों के आसपास के क्षेत्र ड्रग हॉटस्पॉट के रूप में उभर रहे हैं। नशीली टैबलेट्स की बड़ी बरामदगी ने भी इनके बढ़ते उपयोग की ओर इशारा किया है।

आईजी नीलेश आनंद ने कहा कि जहां एनसीआरबी की रिपोर्ट के सकारात्मक पहलू स्वागत योग्य हैं, वहीं ड्रग्स से जुड़ी बढ़ती प्रवृत्ति गंभीर चिंता का विषय है। इसके लिए पुलिस, प्रशासन और शिक्षण संस्थानों को मिलकर सख्त निगरानी और रोकथाम के कदम उठाने होंगे।

उन्होंने आम जनता से भी संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देने की अपील करते हुए कहा कि उत्तराखंड पुलिस अपराध नियंत्रण और जनता की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और भविष्य में भी प्रभावी रणनीतियों के साथ चुनौतियों का सामना करेगी।

 

 

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