उत्तराखंड में नहीं होगा जबरन धर्मांतरण पकड़ने जाने पर 10 साल की होगी सजा: धामी

CM Dhami

देहरादून: देश में धर्मांतरण का मुद्दा लगातार जोर पकड़ रहा है। धर्मांतरण को लेकर कानून बनाने की मांग हिंदू संगठनों की ओर से होती रही है। दरअसल जबरन धर्मांतरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी सख्ती दिखाई है। मामले में मोदी सरकार से जवाब मांगा गया था। इस बीच उत्तराखंड सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। उत्तराखंड में अब अगर कोई भी व्यक्ति का धर्मांतरण करने पर वह पकड़ा गया तब उस 10 साल तक की सजा हो सकती है। इसकी जानकारी खुद राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दी है। 

धामी ने कहा कि धर्मान्तरण बहुत प्रकार से बहुत जगह चल रहा था और ये हमारे लिए गंभीर विषय बनता जा रहा था। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि इसकारण हमें कानून को सख्त बनाना पड़ा है। उन्होंने कहा कि हमने इस पर कानून बनाया है और अब उत्तराखंड में कोई धर्मान्तरण नहीं कर पाएगा अगर धर्मातंरण में किसी का नाम आता है तब उस 10 साल तक की सजा होगी। धामी ने कहा कि उत्तराखंड देव भूमि है और यहां जबरन धर्मांतरण जैसी चीजें हमारे लिए खतरनाक हो सकती हैं। इसके बाद हमारी सरकार ने धर्मांतरण विरोधी कानून को सख्त बनाने का फैसला किया है। उत्तराखंड में 2018 में जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए कानून लाया गया था।  

इसके पहले इसमें 1 से 5 साल की कैद तथा एससी-एसटी के मामले में 2 से 7 साल की कैद की सजा थी। हालांकि अब इस बढ़ा दिया गया है। नए कानून के मुताबिक अब जबरन धर्मांतरण के मामले में आप अगर पाए जाते हैं तब 10 साल तक की आपको सजा हो सकती है। इतना ही नहीं आप पर कुछ जुर्माने भी लगाए जा सकते हैं। 

Related posts

Loading...

More from author

Loading...