नई दिल्ली: देश भर में 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया का त्यौहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। अक्षय तृतीया के शुभ मौके पर चारधाम यात्रा शुरू हो गई है। अब आगामी छह माह तक चार धाम के दर्शन आम जनता के लिए खुले रहने वाले है। इस दौरान श्रद्धालु यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ के दर्शन कर सकते है।
बता दें कि चारधाम की यात्रा दुनिया की पवित्र यात्राओं में शुमार है। चार धाम यात्रा के सभी पवित्र स्थलों में सबसे शीर्ष पर है। ये यात्रा अलग अलग देवी देवताओं को समर्पित है। केदारनाथ धाम कुल 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। केदारनाथ धाम भगवान शिव को समर्पित है। बद्रीनाथ धाम में भगवान विष्णु का वास है। गंगोत्री धाम मां गंगा और यमुनोत्री धाम यमुना मैया को समर्पित है।
केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई तो बद्रीनाथ धाम के 4 मई को खुलेंगे
अक्षय तृतीया के साथ ही चारधाम की पवित्र यात्रा की शुरुआत होती है। गंगोत्री धाम के कपाट सुबह 10.30 खुले है। वहीं यमुनोत्री धाम के कपाट 11.50 मिनट पर खुले है। वहीं केदारनाथ धाम जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए कपाट दो मई सुबह सात बजे और बद्रीनाथ धाम के कपाट चार मई को खुलने है।
यात्रा रूट 136 पार्किंग और 56 होल्डिंग एरिया बनाए
चारधाम यात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद है। चारधाम यात्रा मार्ग के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती हुई है। हाल ही में हुए पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा व्यवस्था अधिक कड़ी और सख्त है। चारधाम की यात्रा के रुट पर 2 सुपर जोन, 7 जोन और 26 सेक्टर बांटे गए है। कुल 850 कर्मी पीएसी, एसडीआरएफ, फायर ब्रिगेड टीम के भी तैनात हुए है।
चार धाम यात्रा को लेकर भीड़ प्रबंधन के साथ ही उत्तराखंड सरकार की ओर से ट्रैफिक कंट्रोल का भी फूलप्रूफ प्लान तैयार है। भीड़ बढ़ने पर देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, विकास नगर, हरबर्टपुर जैसे बड़े शहरों को ट्रैफिक के जाम से बचाने के लिए वैकल्पिक ट्रैफिक प्लान तैयार हुआ है। डीजीपी ने बताया की पहलगाम की आतंकी घटना के बाद चारधाम की यात्रा व्यवस्था को और पुख्ता किया गया है। इस बार 10 कंपनी अर्धसैनिक बलों की भी तैनात की गई है। सीसीटीवी कैमरा जगह-जगह पर लगाए गए हैं। 10 हजार से ज्यादा फोर्स चार धाम यात्रा को हरिद्वार से लेकर गंगोत्री यमुनोत्री बद्रीनाथ और केदारनाथ तक नियत्रिंत करेगी। क्राउड कंट्रोल और ट्रैफिक मैनेजमेंट पर खास प्लान तैयार हैं।
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि चारधाम यात्रा के दौरान भीड़ प्रबंधन को लेकर बेहद ठोस और व्यवस्थित कार्य योजना तैयार की गई है। बीते वर्षों में यात्रा मार्गों पर अत्यधिक भीड़ और अव्यवस्था के कारण मिले अनुभवों से सबक लेकर धामी सरकार कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती। धामों में श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुगम यात्रा सुनिश्चित करने के लिए एडवांस प्लानिंग के तहत हॉल्टिंग प्वाइंट्स, पार्किंग स्थल और यात्रा मार्गों पर सघन जांच व्यवस्था लागू की जा रही है। चारधाम मार्गों पर अब यदि भीड़ अत्यधिक बढ़ती है या किसी आपदा जैसी स्थिति बनती है, तब श्रद्धालुओं को तयशुदा हॉल्टिंग प्वाइंट्स पर रोक दिया जाएगा। उत्तराखंड के डीजीपी ने बताया कि यात्रा रूट 136 पार्किंग स्थल और 56 होल्डिंग एरिया बनाए हैं। इससे क्राउड मैनेजमेंट में मदद मिलेगी। वहीं, ट्रांजिट कैंप ऋषिकेश में तीन निःशुल्क हॉल्ट एरिया बनाए गए हैं, जहां निःशुल्क भोजन की व्यवस्था रहेगी।
इतना ही नहीं हॉल्टिंग प्वाइंट्स पर होटल, धर्मशाला, स्कूल, कॉलेज और कम्युनिटी सेंटर जैसी सुविधाओं को चिन्हित किया गया है, ताकि यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। इसके अलावा पार्किंग व्यवस्था को बेहतर किया गया है। चारधाम यात्रा के दौरान भीड़ प्रबंधन की पूरी कमान राजधानी देहरादून स्थित पटेल भवन में स्थापित चारधाम यात्रा कंट्रोल रूम के हाथों में होगी।
डीजीपी दीपम सेठ के मुताबिक, कंट्रोल रूम जिलों से समन्वय बनाकर स्थिति पर नजर रखेगा और जरूरत पड़ने पर तुरंत कार्रवाई करेगा। चारधाम यात्रा पर जाने वाले हर वाहन की कड़ी चेकिंग की जाएगी। तपोवन, भद्रकाली, कटापत्थर और कुठालगेट सहित कई चेकपोस्ट सक्रिय किए गए हैं। प्रत्येक वाहन के दस्तावेज, टायर की स्थिति और फिटनेस की जांच होगी। इतना ही नहीं उत्तराखंड पुलिस के द्वारा यात्रियों से अपील की गई है कि वे घिसे टायर या रिट्रीटेड टायर वाले वाहनों से यात्रा न करें और ड्राइवर चप्पल पहनकर वाहन न चलाएं।