विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे 3 संदिग्धों में दो मुस्लिम, पूछताछ में जुटी सुरक्षा एजेंसियां

kashi

वाराणसी: ज्ञानवापी मामले की सुनवाई के बीच बाबा विश्वनाथ के दरबार में रविवार को सतर्क सुरक्षा बलों की निगाह 3 संदिग्ध लोगों पर पड़ी तो उन्हें पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया। पूछताछ में पता चला कि उनमें से दो लोग मुस्लिम हैं, इसके बाद उन्हें आगे की पूछताछ के लिए सुरक्षा बलों के हवाले कर दिया गया। इसके साथ ही बाबा के दरबार में सुरक्षा व्यवस्था को सख्त कर दिया गया है। 

बाबा विश्वनाथ के दरबार में जवानों को युवकों की गतिविधियों पर संदेह हुआ तो उन्होंने उन्हें रोककर पूछताछ शुरू की। उनमें से दो ने मुश्लिम होना स्वीकार किया तो सुरक्षा बलों के होश उड़ गए। युवाओं ने प्रारंभिक पूछताछ में खुद को झारखंड के एक ही गांव का निवासी बताया है और कहा है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि मंदिर में मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक है। हालांकि, सुरक्षा दस्‍तों ने उनको निगरानी में लेते हुए उनके बारे में पड़ताल शुरू कर दी है। उनके घर से पुष्टि करने के साथ ही उनके दस्‍तावेजों और फोन सहित अलग-अलग तरीके से पूछताछ करने के बाद संतुष्ट होने पर ही सुरक्षा एजेंसियां उन्हें मुक्त करेंगी।  

पुलिस ने बताया कि तीनों दोस्त हैं व गिरीडीह, झारखंड के निवासी है। इनमें एक हिंदू है, जबकि दो मुस्लिम हैं। सभी बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने मंदिर में जा रहे थे। इस बीच सीआरपीएफ के सब इंस्पेक्टर ने संदेह होने पर उन्हें रोका और पूछताछ की तो पता चला कि इनमें से दो मुसलमान हैं। पूछताछ में दोनों ने पुलिस को बताया कि वह अपने दोस्त के साथ आए हैं। उन्हें मंदिर में मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध को लेकर जानकारी नहीं है। उनको अजमेर जाना था। हिंदू दोस्त ने मंदिर में दर्शन करने की इच्छा जताई थी, इसलिए सभी चले आए। उनके पास से कोई आपत्तिजनक चीज भी नहीं मिली है। 

एसीपी दशाश्वमेध अवधेश पांडेय ने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा पूछताछ कर लेने के बाद उनके बारे में कोई निर्णय लिया जाएगा। आईबी समेत सभी सुरक्षा एजेंसियों ने पूछताछ की। सभी पकड़े गए लोगों का स्थानीय थाने (गिरिडीह) से सत्यापन के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। पकड़े गए व्यक्तियों में मुक्तेश्वर सिंह 61वर्ष, निसार अहमद 34 वर्ष और मुख्तार अंसारी 39 वर्ष हैं। चौक पुलिस के अनुसार हिरासत में लिए गए युवकों से हुई पूछताछ में मालूम चला कि तीनों को अजमेर शरीफ जाना था।






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