लखनऊ: उप्र के तीन बार मुख्यमंत्री रहे एवं समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में उनकी पुत्रवधू एवं सपा प्रत्याशी डिंपल यादव ने जीत हासिल करते हुए नया कीर्तिमान भी बना दिया। उन्होंने 2.80 लाख से अधिक वोटों से भाजपा के रघुराज सिंह शाक्य को हराया। इस ऐतिहासिक जीत के साथ डिंपल यादव मैनपुरी लोकसभा सीट से पहली महिला सांसद बन गई हैं। उधर रामपुर में सपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री मो. आजम खां का किला ढह गया। यहां हुए विधानसभा उपचुनाव में भाजपा ने आजम के करीबी एवं सपा प्रत्याशी को मात दी। लेकिन वहीं दूसरी ओर मुजफ्फरनगर जिले की खतौली सीट पर सपा-रालोद गठबंधन के प्रत्याशी ने जीत दर्ज करते हुए भाजपा को शिकस्त दी।
समाजवादी पार्टी के मैनपुरी लोकसभा तथा रामपुर विधानसभा उपचुनाव नाक का सवाल बन गया था। यही वजह है कि इन दोनों ही सीटों पर सपा ने अपना पूरा जोर लगाया। मैनपुरी में तो सपा मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव ही चुनाव मैदान में थीं। हालांकि यहां सपा को उम्मीद थी मुलायम सिंह यादव की विरासत मैनपुरी की जनता उनके ही परिवार को सौंपेगी और ऐसा हुआ भी। मैनपुरी में भाजपा ने रघुराज सिंह शाक्य को मैदान में उतारा था। डिंपल को 617625 वोट मिले जबकि रघुराज सिंह को 329489 वोट मिले। इस तरह डिंपल ने 288136 वोटों से भाजपा प्रत्याशी को हरा दिया। यहां यह उल्लेखनीय है कि डिम्पल की जीत के पीछे शिवपाल सिंह यादव को बड़ा हाथ रहा। शिवपाल की अपनी विधानसभा सीट जसवंतनगर जो कि मैनपुरी संसदीय क्षेत्र में आती है में डिम्पल को करीब सवा लाख मतों की बढ़त मिली। विदित हो कि 1996 के बाद मुलायम सिंह यादव ने मैनपुरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और इसके बाद अब तक सपा कभी इस सीट से नहीं हारी। मैनपुरी लोकसभा सीट के तीन चुनावों में चार बार महिला प्रत्याशी भी लड़ीं लेकिन जीत का ताज इनसे कोसों दूर रहा। 2004 के उपचुनाव में जहां कांग्रेस के टिकट पर सुमन चौहान ने चुनाव लड़ा था तो वहीं 2009 में भाजपा से तृप्ति शाक्य और और 2014 में बसपा से डॉ. संघमित्रा मौर्या और निर्दलीय प्रत्याशी राजेश्वरी देवी ने चुनाव लड़ा था लेकिन कोई भी महिला प्रत्याशी नहीं जीत सकी।
उधर रामपुर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार आकाश सक्सेना विजयी घोषित हुए हैं। उन्होंने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार आसिम रजा को 33702 वोटों से हरा दिया है। उपचुनाव मतगणना के दौरान आसिम रजा 19वें चक्र तक करीब साढ़े सात हजार मतों से आगे रहे लेकिन 21वां चक्र आते-आते भाजपा उम्मीदवार सक्सेना ने करीब 12000 मतों से बढ़त बना ली। इसके बाद वह कभी नहीं पिछड़े। रामपुर सदन विधानसभा सीट पूर्व विधायक आजम खान के सजायाफ्ता होने के बाद खाली हुई थी। इस सीट पर बीती पांच दिसम्बर को बीते 45 सालों में यह सबसे कम मत पड़े। यही वजह है कि समाजवादी पार्टी की तरफ से चुनाव आयोग को एक पत्र लिखकर रामपुर उपचुनाव को रद्द करने की भी मांग की गई। समाजवादी पार्टी का आरोप है कि सत्तारूढ़ बीजेपी ने सरकारी मशीनरियों का दुरूपयोग कर उनके वोटरों को घरों से निकलने नहीं दिया।
इसके अलावा मुजफ्फरनगर जिले की खतौली विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में राष्ट्रीय लोकदल के के प्रत्याशी मदन भैया ने जीत दर्ज की है। उन्होंने अपने नजदीकी भाजपा प्रत्याशी राजकुमारी सैनी को 22165 वोटों हराया। खतौली विधानसभा के लिए उपचुनाव बीजेपी के पूर्व विधायक विक्रम सिंह सैनी की मुजफ्फरनगर दंगों में सजायाफ्ता होने के बाद उनकी सदस्य्ता रद्द होने की वजह से हुआ। बीजेपी ने इस सीट से विक्रम सिंह सैनी की पत्नी राजकुमारी सैनी को मैदान में उतारा था।