अलीगढ़: देश में 1952, 1957, 1962 व 1967 में आम चुनावों के साथ ही सभी प्रदेशों के चुनाव संपन्न हुए। उत्तर प्रदेश में वर्ष 1967 में चौधरी चरण सिंह के नेतृत्व में बनी सरकार को 1969 में गिरा दिया गया। इसके बाद बिहार राज्य की विधानसभा भंग की गई। बाबा साहेब को भी नहीं पता था कि राजनेता एक चुनी हुई सरकार को भी भंग कर सकते हैं, इसीलिए उन्होंने एक देश-एक चुनाव के संबंध में कोई कानून नहीं बनाया। वर्ष 1969 से लेकर अब तक देश में चुनावों का ऐसा अनवरत दौर चल रहा है जो थमने का नाम नहीं ले रहा है। राजनेता हों या अधिकारी या फिर आमजन उनको आए दिन किसी न किसी चुनाव का सामना करना पड़ता है, जिससे न केवल धन व समय अधिक लगता है बल्कि अधिकारी व कर्मचारी भी जनहित में अपनी क्षमता का पूरी तरह से सदुपयोग नहीं कर पाते हैं।
उक्त उद्गार प्रदेश के गन्ना विकास एवं चीनी मिलें और जनपद प्रभारी मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कल्याण सिंह हैबीटेट सेंटर में व्यक्त किए, वह राष्ट्रवादी प्रबुद्ध नागरिक मंच के तत्वाधान में आयोजित वन नेशन-वन इलैक्शन पर मुख्य अतिथि के रूप में अपना संबोधन दे रहे कार्यक्रम में अध्यक्ष श्रम एवं सन्निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड ठा0 रघुराज सिंह, कार्यक्रम अध्यक्ष सेवानिवृत्त डीन जेएनएमसी डा0 एससी शर्मा, विशिष्ट अतिथि जिलाध्यक्ष कृष्णपाल सिंह, कार्यक्रम संयोजक पीयूष दत्त शर्मा, उड़ान सोसाइटी से ज्ञानेन्द्र मिश्रा, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष एवं विधायक रामसखी कठेरिया, पूर्व जिलाध्यक्ष विक्रम सिंह हिंडोल, विधि प्रकोठ जिलाध्यक्ष संजय चौधरी, ब्लॉक प्रमुख अकराबाद राहुल सिंह, ब्लॉक प्रमुख धनीपुर पूजा दिवाकर, जिला महामंत्री शिव नारायण शर्मा, केहर सिंह, सुनील पाण्डेय समेत अन्य शिक्षक, चिकित्सक, जनप्रतिनिधिगणों ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन अवध सिंह बघेल द्वारा किया गया। अन्त में पहलगाम आतंकी हमले में मृतक हुए पर्यटकों की आत्मा की शांति के लिए मौन धारण कर उनको श्रद्धांजलि देकर कार्यक्रम का समापन किया गया।