Tripura CM Manik Saha : त्रिपुरा में भाईचारा ही प्रगति की कुंजी: सीएम माणिक साहा

त्रिपुरा में संग्रमा पूजा को अवकाश, सीएम ने भाईचारे और एकता पर दिया जोर
त्रिपुरा में भाईचारा ही प्रगति की कुंजी: सीएम माणिक साहा

अगरतला: त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने बुधवार को कहा कि राज्य की समग्र प्रगति के लिए सभी समुदायों के बीच आपसी विश्वास और भाईचारा बेहद जरूरी है। उन्होंने यह बात दुर्गा पूजा के शुभ अवसर पर 'समाजपतियों' (विभिन्न जनजातीय समुदायों के सम्मानित प्रमुखों) से मुलाकात के दौरान कही। इस दौरान मुख्यमंत्री ने सामाजिक और विकास से जुड़े मुद्दों पर उनकी राय भी सुनी।

मुख्यमंत्री ने कहा, "यह पहली बार है कि इतने विस्तारित रूप में सभी समाजपति एक साथ आए हैं। जब तक हम आपस में भाईचारे की भावना नहीं विकसित करेंगे, तब तक त्रिपुरा को आगे नहीं ले जाया जा सकता है। हमें विश्वास, आस्था और भरोसे पर आधारित एकता बनानी होगी। भाईचारा केवल शब्दों से नहीं, काम के माध्यम से भी आना चाहिए।"

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने एक अहम घोषणा करते हुए बताया कि राज्य सरकार ने 'संग्रमा पूजा' को एक प्रतिबंधित अवकाश के रूप में मान्यता देने का फैसला किया है। यह निर्णय राज्य सरकार की जनजातीय परंपराओं के प्रति सम्मान और उनकी सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

सीएम साहा ने यह भी याद दिलाया कि उनकी सरकार ने सत्ता में आने के तुरंत बाद समाजपतियों के लिए 2,000 रुपए का मानधन शुरू किया था, जो शुरू में केवल 10 समुदायों तक सीमित था। बाद में इसे बढ़ाकर राज्य की सभी 19 जनजातीय समुदायों तक पहुंचाया गया और मानधन राशि भी बढ़ाकर 5,000 रुपए कर दी गई।

उन्होंने कहा, "कोई भी काम केवल भावना से नहीं, बल्कि व्यावहारिक और सामूहिक प्रयासों से किया जाना चाहिए ताकि लोगों की समस्याओं का सही समाधान हो सके।"

मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की समावेशी विकास नीति को दोहराते हुए कहा कि जनजातीय भाइयों-बहनों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इन समुदायों का गहरा ज्ञान और अनुभव उन्हें गरीब से गरीब व्यक्ति के कल्याण के लिए और अधिक आत्मविश्वास के साथ काम करने के लिए प्रेरित करता है।

 

 

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