Tamil Nadu Rain Alert : तमिलनाडु में 5 अक्टूबर तक बारिश की संभावना, भूस्खलन से बचने की सलाह

बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव, तमिलनाडु में बारिश का अलर्ट
तमिलनाडु में 5 अक्टूबर तक बारिश की संभावना, भूस्खलन से बचने की सलाह

चेन्नई: तमिलनाडु और अन्य दक्षिणी राज्यों में लोगों को अभी बारिश से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। चेन्नई स्थित क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (आरएमसी) ने बुधवार को बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक नया निम्न दबाव का क्षेत्र बनने का अनुमान लगाया है, जिससे आने वाले दिनों में तमिलनाडु समेत अन्य दक्षिणी राज्यों में बारिश जारी रहने की संभावना है।

आरएमसी अधिकारियों के अनुसार, अंडमान सागर के उत्तरी भागों पर एक वायुमंडलीय परिसंचरण बना हुआ है। इसके प्रभाव से 2 अक्टूबर को मध्य बंगाल की खाड़ी और उससे सटे उत्तरी अंडमान सागर के ऊपर निम्न दबाव का एक नया क्षेत्र विकसित होने की उम्मीद है। यह प्रणाली आगे और मजबूत होकर पूरे दक्षिण भारत में मौसम के मिजाज को प्रभावित कर सकती है।

मौसम कार्यालय ने कहा कि तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में भी व्यापक वायुमंडलीय परिसंचरण बना हुआ है, जिससे कई इलाकों में गरज और तेज हवाओं के साथ छिटपुट बारिश हो सकती है।

मंगलवार और बुधवार को तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल के कुछ हिस्सों में मध्यम बारिश और कहीं बिजली गिरने की संभावना जताई गई है। राज्य के कुछ इलाकों में 5 अक्टूबर तक मध्यम बारिश जारी हो सकती है।

पिछले 24 घंटों में नीलगिरी जिले में सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई, जहां बंदलूर तालुका कार्यालय क्षेत्र में 4 सेमी बारिश हुई। इसके अलावा नीलगिरी में एवलांच और चेरुमुली, सेलम में यरकौड और कन्याकुमारी जिले में मुलंगिनाविलाई में 3 सेमी बारिश दर्ज की गई।

अधिकारियों ने कहा कि इस लगातार बारिश ने पहाड़ी क्षेत्रों में मिट्टी की नमी बनाए रखने में मदद की है, लेकिन भूस्खलन की आशंका वाले संवेदनशील क्षेत्रों में सावधानी बरतने का भी आग्रह किया है।

आरएमसी ने आने वाले दिनों में बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर में तूफानी मौसम की संभावना के कारण मछुआरों और तटीय समुदायों को सतर्क रहने की सलाह दी है।

निम्न दबाव का क्षेत्र विकसित होने के कारण तमिलनाडु के तट और आसपास के जलक्षेत्रों में हवा की गति तेज हो सकती है। मौसम विज्ञानियों ने कहा कि अगले 24-48 घंटों में इस प्रणाली का सटीक मार्ग और तीव्रता स्पष्ट हो जाएगी, लेकिन इसके बनने से उत्तरी तटीय तमिलनाडु और आंतरिक जिलों में और अधिक बारिश हो सकती है। स्थानीय बाढ़ के मद्देनजर जिला प्रशासन को तैयार रहने को कहा गया है।

 

 

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