जोधपुर: जोधपुर के धार्मिक एवं सांस्कृतिक इतिहास में गुरुवार को एक स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया, जब परम पूज्य महंत स्वामी महाराज ने बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) द्वारा निर्मित स्वामीनारायण मंदिर में भगवान की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की। मंदिर को श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए ससम्मान खोल दिया गया।
गुरुवार प्रातः 6:45 बजे बीएपीएस संस्था के वरिष्ठ संतों ने प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व महापूजा विधि शुरू की, जिसमें बड़ी संख्या में हरिभक्त मौजूद रहे। भारत ही नहीं, सम्पूर्ण विश्व में सुख, शांति और समृद्धि की प्रार्थना के साथ महापूजा संपन्न हुई और इसके बाद परम पूज्य महंत स्वामी महाराज ने मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा विधि आरंभ की।
इस नवनिर्मित मंदिर में परम पूज्य महंत स्वामी महाराज ने भगवान स्वामीनारायण, अक्षरब्रह्म गुणातीतानंद स्वामी, भगवान श्रीकृष्ण एवं राधा, घनश्याम महाराज, भगवान शिव-पार्वती, गणपति, भगवान श्रीराम और माता सीता, हनुमानजी, नीलकंठ वर्णी महाराज तथा गुरु परंपरा की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा करने के बाद उनकी प्रथम आरती उतारी। इस दिव्य क्षण पर उपस्थित भक्त भावविभोर हो उठे।
मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के बाद अपने प्रथम आशीर्वचन में परम पूज्य महंत स्वामी महाराज ने कहा, ''यह मंदिर अब सभी भक्तों के लिए खुला है। आप सभी अवश्य यहां पधारें। भगवान के दर्शन करें। जप-माला करें, प्रदक्षिणा करें और दंडवत प्रणाम करें। अब भगवान साक्षात यहां विराजमान हो गए हैं। जोधपुर व विश्व के प्रत्येक नागरिक को सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त हो, यही हमारी प्रार्थना है।''
जोधपुर के निवासियों ने गहन आनंद और कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा, ''आज हमारे आंगन में साक्षात भगवान और सद्गुरु पधारे हैं। हम परम पूज्य महंत स्वामी महाराज का जितना भी आभार व्यक्त करें, वह कम है। स्वामीजी! हम आपका हृदय से धन्यवाद करते हैं।''
मंदिर के उद्घाटन के साथ ही श्रद्धालुओं में भगवान के प्रथम दर्शन के प्रति अत्यंत उत्साह देखने को मिला। मंदिर की भव्यता देखकर जोधपुरवासी अभिभूत हो उठे और अनायास ही उनके मुख से निकल पड़ा– “अरे भाई, मंदिर घणो फुटरो है!”
बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर न केवल एक आध्यात्मिक केंद्र के रूप में, बल्कि सांस्कृतिक, सामाजिक और नैतिक मूल्यों के प्रसार के पवित्र धाम के रूप में भी आने वाले समय में समर्पित रहेगा।