चंडीगढ़: पंजाब में 2015 के कोटकपूरा पुलिस गोलीबारी मामले में पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के आवास पर उनसे करीब तीन घंटे पूछताछ की। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) एलके यादव इस एसआईटी का नेतृत्व कर रहे हैं। कोटकपूरा में 2015 में जब गोलीबारी की घटना हुई थी, तब प्रकाश सिंह बादल पंजाब के मुख्यमंत्री थे। एसआईटी ने 14 सितंबर को शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल से मामले में पूछताछ की थी। सुखबीर सिंह बादल से एक अन्य एसआईटी ने भी छह सितंबर को पूछताछ की थी। यह एसआईटी 2015 में बेहबाल कलां में हुई पुलिस गोलीबारी की जांच कर रही है। तब सुखबीर सिंह बादल उपमुख्यमंत्री थे।
गोलीबारी की घटनाएं सात साल पहले फरीदकोट के बरगारी में गुरु ग्रंथ साहिब की एक ‘बीर' (प्रति) की चोरी, बेअदबी वाले हस्तलिखित पोस्टर और पवित्र पुस्तक के पन्नों को फाड़े जाने के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान हुई थी। पुलिस की गोलीबारी में बेहबल कलां में दो लोगों की मौत हुई थी, जबकि कोटकपूरा में कई लोग घायल हुए थे। ज्ञात रहे कि अकाली दल ने इससे पहले आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर उसकी ‘‘नाकामियों'' से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए मामले को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया था।
एसआईटी मंगलवार को कोटकपूरा गयी थी जहां 14 अक्टूबर, 2015 को बेअदबी का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की गई थी। इस घटना को इस साल 14 अक्टूबर को सात साल हो जाएंगे।एसआईटी द्वारा पूछताछ ऐसे समय में हो रही है जब कुछ दिन पहले ही आप विधायक और पूर्व आईपीएस कुंवर विजय प्रताप सिंह ने इस जांच पर सवाल उठाया था।
अमृतसर उत्तर के विधायक कुंवर विजय प्रताप सिंह ने पिछले महीने पंजाब विधानसभा में कोटकपूरा पुलिस गोलीबारी मामले में 14 सितंबर को सुखबीर सिंह बादल को तलब किये जाने का जिक्र करते हुए आरोप लगाया था कि यादव की अगुवाई वाली एसआईटी द्वारा शिअद प्रमुख से पूछताछ नहीं की गयी थी और उन्हें ‘चाय एवं पकौड़ा' खिलाकर वापस भेज दिया गया था। पूर्व आईपीएस अधिकारी ने यादव को एसआईटी का प्रमुख नियुक्त करने के लिए उन्हें पुलिस महानिरीक्षक से अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के पद पर प्रोन्नत करने को लेकर तब पिछली अमरिंदर सिंह सरकार की आलोचना की थी। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने पिछली एसआईटी की कोटकपूरा गोलीबारी जांच रिपोर्ट पिछले साल खारिज कर दी थी। उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद पिछली सरकार ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एल के यादव के नेतृत्व में नयी एसआईटी का गठन किया था।