भुवनेश्वर: कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पंचानन कानूनगो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 'नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी' की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इसे 'लोगों को गुमराह करने की रणनीति' करार देते हुए कहा कि मोदी सरकार कर ढांचे को सरल बनाने में पूरी तरह विफल रही है।
पंचानन कानूनगो ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "'एक राष्ट्र, एक कर' का वादा एक मिथक साबित हो चुका है। आज भी आम आदमी कई करों के बोझ तले दबा हुआ है। जीएसटी से कोई फायदा नहीं हुआ, उल्टा आवश्यक वस्तुओं, परिवहन, पेट्रोल और डीजल पर अप्रत्यक्ष कर बढ़ गए हैं। इससे उत्पादकों और उपभोक्ताओं दोनों की लागत चढ़ गई।"
उन्होंने जीएसटी प्रणाली को छोटे उद्योगों के लिए अभिशाप बताया और कहा, "एफएमसीजी क्षेत्र, छोटे उत्पादक और एमएसएमई सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसी बड़ी कंपनियां बाजार पर कब्जा जमाए हुए हैं, जबकि छोटे निर्माता प्रतिस्पर्धा नहीं कर पा रहे। सरकार एमएसएमई को बढ़ावा देने का दावा करती है, लेकिन जमीनी हकीकत में अनुपालन की जटिलताएं और कर बोझ उन्हें बर्बाद कर रहे हैं।"
पूर्व वित्त मंत्री ने परिवहन और ईंधन करों पर भी निशाना साधते हुए कहा, "राहत देने के बजाय, सरकार उत्पादकों और उपभोक्ताओं को निचोड़ रही है। जीएसटी सुधार के नाम पर केवल बड़े कॉर्पोरेट्स को फायदा पहुंचा है, स्थानीय बाजार और छोटे व्यवसाय तबाह हो रहे हैं।" कानूनगो ने 'नेक्स्ट जेन जीएसटी' को मौजूदा दोषपूर्ण व्यवस्था का नया चेहरा बताया और कहा कि यह अर्थव्यवस्था की रीढ़ एमएसएमई को वास्तविक लाभ से वंचित रखने की साजिश है। सरकार को बड़े-बड़े दावे छोड़कर संरचनात्मक मुद्दों का समाधान करना चाहिए।
बता दें कि पंचानन कानूनगो का यह बयान स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई घोषणा के ठीक बाद आया है, जिसमें उन्होंने दिवाली तक जीएसटी में दो स्लैब (5 और 18 प्रतिशत) लागू करने और व्यापारियों को राहत देने का वादा किया था।