इंफाल: मणिपुर के 21 विधायकों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर राज्य में सरकार बनाने की मांग की है। ये विधायक मणिपुर में शांति बहाली और सामान्य स्थिति की ओर कदम बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं। पत्र में मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद शांति नहीं हो पाई है, जिसके कारण लोग हिंसा फिर होने की आशंका जता रहे हैं।
गौरतलब है कि 13 फरवरी 2025 को केंद्र सरकार ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था। इसके बाद से मणिपुर की विधानसभा का कार्यकाल निलंबित कर दिया है और राज्य में शांति की बहाली के प्रयास किए जा रहे हैं। मणिपुर में मेइती और कुकी-जो समुदायों के बीच जातीय हिंसा की स्थिति ने राज्य को काफी प्रभावित किया है।
बता दें मई 2023 से जारी हिंसा में 250 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। सीएम एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था। पत्र में 21 विधायकों ने सरकार से अपील की है कि राष्ट्रपति शासन के बाद शांति और सामान्य स्थिति के लिए अब तक कोई स्पष्ट कदम नहीं उठाए गए हैं। पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले विधायकों में बीजेपी के 13, एनपीपी के 3, नगा पीपुल्स फ्रंट के 3 विधायक और विधानसभा के 2 स्वतंत्र सदस्य शामिल हैं।
मणिपुर में अभी तक शांति और सामान्य स्थिति के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि लोगों में चिंता जताई जा रही है कि राज्य में फिर से हिंसा की स्थिति बन सकती है। कई नागरिक संगठन भी राष्ट्रपति शासन के खिलाफ सामने आकर सरकार बनाने की मांग कर रहे हैं। विधायकों का कहना है कि शांति के लिए सरकार का गठन अत्यंत जरूरी है। उनका मानना है कि राष्ट्रपति शासन के तहत स्थिति में सुधार नहीं हो पाया है और अब स्थायी सरकार ही राज्य में सामान्य स्थिति की बहाली कर सकती है।
यह पत्र गृह मंत्रालय को 29 अप्रैल यानी मंगलवार को मिला था और इसे आज सार्वजनिक किया गया। मणिपुर के इस संकटपूर्ण समय में इस पत्र को एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है, जो राज्य की स्थिरता के लिए सरकार से तत्काल कार्रवाई की अपील करता है।