महाराष्ट्र में पाकिस्तानी नागरिकों के मामले में शीर्ष नेताओं के विरोधाभासी बयान आए सामने

पाकिस्तानी नागरिकों पर फडणवीस-शिंदे के विरोधाभासी बयान से महाराष्ट्र में सियासी हलचल
Devendra Fadnavis Statement

पुणे: महाराष्ट्र में पाकिस्तानी नागरिकों की उपस्थिति को लेकर सरकार के शीर्ष नेताओं के विरोधाभासी बयानों ने एक नई बहस को जन्म दे दिया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के अलग-अलग सुर सामने आने से स्थिति और अधिक उलझ गई है। 

जानकारी अनुसार रविवार को पुणे में हुए एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री फडणवीस ने स्पष्ट किया कि राज्य में कोई भी पाकिस्तानी नागरिक लापता नहीं है। उन्होंने कहा, कि 107 पाकिस्तानी नागरिकों के लापता होने की खबरें गलत हैं। हर व्यक्ति की पहचान कर ली गई है और उनकी वापसी की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को राज्य में अवैध रूप से रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसी के साथ फडणवीस ने लोगों से अफवाहें न फैलाने और सत्यापित जानकारी साझा करने की अपील भी की। फडणवीस ने आश्वस्त किया कि सोमवार तक सभी संबंधित नागरिकों की वापसी सुनिश्चित कर दी जाएगी। 

दूसरी तरफ इस कार्यक्रम के चंद घटों बाद ही बुलढाणा में एक रैली के दौरान उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने एक अलग ही बयान देकर सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। शिंदे ने कहा, महाराष्ट्र में 107 पाकिस्तानी नागरिक लापता हैं। मैं उन्हें चेतावनी देता हूं कि वे स्वेच्छा से देश छोड़ दें, अन्यथा पुलिस उन्हें ढूंढ निकालेगी। इसी के साथ शिंदे ने इसे देश की सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मुद्दा बताया और कहा कि जनता इस पर बेहद नाराज है।

योगेश कदम पहले ही दे चुके हैं यह जानकारी 

गौरतलब है कि राज्य के गृह मामलों के मंत्री योगेश कदम ने शनिवार को ही यह जानकारी साझा करते हुए कहा था कि महाराष्ट्र में लगभग 5,000 पाकिस्तानी नागरिक रह रहे हैं, जिनमें से लगभग 2,800 लॉन्ग टर्म वीजा (एलटीवी) पर हैं। इन नागरिकों पर हालिया फैसलों का कोई असर नहीं होगा। जो पाकिस्तानी नागरिक शॉर्ट-टर्म वीजा पर आए हैं, उन्हें रविवार तक देश छोड़ने का निर्देश दिया गया है। मेडिकल वीजा वालों के लिए समयसीमा 29 अप्रैल तय की गई है। इसी के साथ कदम ने यह भी बताया था कि कई पाकिस्तानी नागरिक वर्षों से भारत में रह रहे हैं, कुछ ने भारतीय नागरिकों से विवाह कर भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन भी किया है। कई ने अपने पाकिस्तानी पासपोर्ट भी सरेंडर कर दिए हैं। 

यहां बताते चलें कि जम्मू-कश्मीर पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए शॉर्ट-टर्म वीजा सेवाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। हालांकि, हिंदू पाकिस्तानी नागरिकों को जारी लॉन्ग टर्म वीजा इस निलंबन से प्रभावित नहीं होंगे। बहरहाल सरकार के भीतर ही इस विषय पर सामने आए विरोधाभासी बयानों ने जनता के बीच भ्रम की स्थिति उत्पन्न कर दी है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस मुद्दे पर एक स्पष्ट और संयुक्त बयान कब तक साझा कर पाती है।

 

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