रांची: रांची के गढ़खटंगा स्थित आईसीएआर कैंपस का कृषि,पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने निरीक्षण किया।इस मौके पर उन्होंने बायोमास गैसीफायर सह बायोचर उत्पादन इकाई का उदघाटन भी किया। संस्थान के द्वारा ज्ञान और विज्ञान के साझा प्रयास से उन्नत कृषि के क्षेत्र में किए जा रहे बेहतर काम की उन्होंने सराहना की। आईसीएआर के द्वारा कृषि के क्षेत्र में कई तरह के नये प्रयोग किए जा रहे है।जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए फसल के चयन और उसके पैदावार को बढ़ाने की दिशा में संस्थान के द्वारा किए जा रहे कार्य की जानकारी मंत्री को दी गई।आईसीएआर कैंपस में अनुसूचित जनजाति परियोजना एवं राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत प्रक्षेत्र दिवस सह कृषि इनपुट वितरण का आयोजन किया गया।जिसमें करीब 300 किसानों के बीच कृषि सामग्री का वितरण किया गया।इस मौके पर कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि आज का दौर ज्ञान और विज्ञान से जुड़ कर कृषि के क्षेत्र में कदम बढ़ाने का है।आईसीएआर संस्थान किसानों को प्रशिक्षण देने के साथ साथ उन्हें विकसित करने की दिशा में बेहतर काम कर रहा है।संस्थान के विकास के लिए राज्य सरकार ने 124 एकड़ भूमि मुहैया कराई है।इससे पहले बीएयू संस्थान को भी 700 एकड़ भूमि उपलब्ध कराई जा चुकी है। आदिवासी मूलवासी के पास जमीन ही सबसे बड़ी पूंजी है।समय समय पर संस्थानों के विस्तार और विकास के लिए उन्होंने जमीन दिया। राज्य के लोग और राज्य का विकास ही संस्थान का उद्देश्य होना चाहिए। राज्य सरकार भी किसानों के जीवन को बेहतर करने का काम कर रही है।लाह के उत्पादन में कई किसान बेहतर काम कर रहे है। सहकारिता विभाग के 5 एपेक्स सोसाइटी किसानों के उत्पाद को सही बाजार उपलब्ध कराने में जुटी है।मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि चाहे वो संस्थान के प्रयास हो या विभाग की योजनाएं,किसानों को इसके लिए खुद को जागरूक करना होगा।किसान खुद को सशक्त बना कर गांव पंचायत को सशक्त बनाने में अहम भूमिका अदा कर सकते है।इस मौके पर विभागीय सचिव अबू बक्कर सिद्दीखी, सलाहकार प्रदीप हजारी, निदेशक सुजय रक्षित विशेष रूप से मौजूद थे।