रांची: झारखंड में कोयला और खनन क्षेत्र से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर शुक्रवार शाम मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी और सीएम हेमंत सोरेन की मौजूदगी में उच्चस्तरीय बैठक हुई। इस दौरान खनन क्षेत्र में आ रही चुनौतियों और विवादों के समाधान पर सहमति बनी।
बैठक में मौजूद राज्य सरकार, कोल मंत्रालय तथा कोल इंडिया की अनुषंगी इकाइयों के वरिष्ठ अधिकारियों ने कोल माइंस से जुड़े कई महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श किया। मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि खनन क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों का समाधान केवल केंद्र और राज्य सरकार के आपसी सहयोग से ही संभव है। उन्होंने कहा कि खनन क्षेत्र को आगे ले जाने और इससे जुड़े विवादों को सुलझाने के लिए सभी पक्षों को मिलकर प्रयास करना होगा।
बैठक में खनिजों पर मिलने वाली रॉयल्टी, कोल माइंस के लिए जमीन अधिग्रहण, रैयतों को मुआवजा और नौकरी, विस्थापितों के पुनर्वास, जिन क्षेत्रों में खनन कार्य पूरा हो चुका है उनकी जमीन की वापसी, स्थानीय लोगों को रोजगार, खदानों में अवैध खनन से होने वाले हादसों पर नियंत्रण और सुरक्षा मानकों के पालन जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई। साथ ही डीएमएफटी और सीएसआर फंड के बेहतर इस्तेमाल तथा कोल परियोजनाओं के संचालन में आ रही अड़चनों के समाधान को लेकर भी सहमति बनी।
केंद्रीय मंत्री रेड्डी ने मुख्यमंत्री को खनन परियोजनाओं को लेकर केंद्र की प्राथमिकताओं और मौजूदा चुनौतियों से अवगत कराया। वहीं, मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार खनन क्षेत्र में पारदर्शिता और स्थानीय हितों की रक्षा के लिए केंद्र के साथ मिलकर सकारात्मक कदम उठाएगी।
बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, केंद्रीय कोयला मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी संजय लोहिया और सनोज कुमार झा, राज्य के राजस्व सचिव चंद्रशेखर, खान एवं भूतत्व सचिव अरवा राजकमल, निदेशक राहुल सिन्हा, कोल इंडिया चेयरमैन पीएम प्रसाद, सीसीएल सीएमडी निलेन्दु कुमार सिंह, बीसीसीएल सीएमडी मनोज अग्रवाल, हिंदुस्तान कॉपर सीएमडी संजीव कुमार सिंह और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।